हैदराबाद, 27 अक्टूबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि तीन नए विधेयक संसद द्वारा जल्द ही पारित किए जाएंगे, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने आतंकवाद को बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति अपनाई है।
Attended the ‘Dikshant Parade’ of the 75 RR IPS probationers at @svpnpahyd in Hyderabad today and extended my best wishes to them for the journey of service they are embarking on. pic.twitter.com/Y0n1UHyzvD
— Amit Shah (@AmitShah) October 27, 2023
देश ने आतंकवाद को बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति अपनाई है
यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कैडेट की पासिंग आउट परेड के मौके पर शाह ने कहा कि अब आतंकवाद को बिल्कुल न बर्दाश्त करने की नीति से आगे बढ़कर, बिल्कुल न बर्दाश्त करने की रणनीति और बिल्कुल न बर्दाश्त करने की काररवाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत अंग्रेजों के शासन के दौरान बनाए गए कानूनों को खत्म कर रहा है और नए विश्वास और उम्मीदों के साथ नए युग में प्रवेश कर रहा है।
भारत नए विश्वास और उम्मीदों के साथ नए युग में प्रवेश कर रहा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ब्रिटिश काल के दौरान 1850 के आसपास बनाए गए तीन कानून सीआरपीसी, आईपीसी तथा साक्ष्य अधिनियम हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रेरक शक्ति हैं। सरकार ने इन तीनों कानूनों में आमूल-चूल बदलाव किए हैं और देश की संसद के समक्ष तीन नए कानून पेश किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति तीन नए विधेयकों का अध्ययन कर रही है और उन्हें जल्द ही पारित किया जाएगा। शाह ने कहा कि नयी आपराधिक न्याय प्रणाली इन कानूनों के आधार पर शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों का मकसद ब्रिटिश प्रशासन की रक्षा करना था जबकि नए कानूनों का उद्देश्य लोगों के अधिकारों की रक्षा करना तथा जन अधिकारों को जनता तक पहुंचाने से रोकने वाली सभी ताकतों को हराना है। गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि आज पास होने वाला बैच सौभाग्यशाली है क्योंकि वह नए कानूनों के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा संभालने का काम शुरू करेगा।
अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों को जमीनी स्तर पर लागू करने की पहली जिम्मेदारी आज पास होने वाले कैडेटों पर है। शाह ने कहा कि नए प्रावधानों में आतंकवाद, संगठित अपराध की नयी व्याख्या शामिल है और अंतरराष्ट्रीय गिरोहों को खत्म करने के लिए भी कई नए प्रावधान हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साहसी पुलिसकर्मियों के प्रयासों के कारण पिछले 10 साल में आतंकवाद, वामपंथी चरमपंथ और नक्सली हिंसा पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है, लेकिन चुनौतियां अब भी हैं।
The IPS officers trained at the advent of the Amrit Kaal will be fortunate to shoulder the responsibility of a state-of-the-art criminal justice system powered by technology and three new laws. I am sure they will set new standards of excellence in modern policing.
Some more… pic.twitter.com/3ew8HF7V50
— Amit Shah (@AmitShah) October 27, 2023
आईपीएस पासिंग आउट परेड में 175 प्रशिक्षुओं ने भागीदारी की
उन्होंने कहा कि संगठित अपराध, साइबर अपराध, अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध समेत कई नयी चुनौतियां हमारे सामने हैं। केंद्र ने आईपीसी, सीआरपीसी तथा साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर क्रमश: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 का प्रस्ताव दिया था। दीक्षांत परेड में 155 प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी और 20 प्रशिक्षु विदेशी अधिकारियों समेत कुल 175 प्रशिक्षु अधिकारियों ने भाग लिया। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक अमित गर्ग ने भी इस मौके पर भाषण दिया।