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अमित शाह बोले – संभावित भूस्खलन के बारे में केरल सरकार को एक हफ्ते पहले दी गई थी प्रारंभिक चेतावनी

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नई दिल्ली, 31 जुलाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के वायनाड जिले में भीषण भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले सैकड़ों लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति बुधवार को राज्यसभा में संवेदना व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केरल सरकार को हफ्तेभर पहले 23 जुलाई को ही वायनाड में संभावित भूस्खलन के बारे में प्रारंभिक चेतावनी दे दी गई थी।

केरल सरकार पर चेतावनी को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

अमित शाह ने केरल की लेफ्ट सरकार को घेरते हुए कहा कि ऐसी आपदा की आशंका के मद्देनजर केरल सरकार को पहले ही आगाह किया गया था। आमतौर पर कई राज्य ऐसी चेतावनियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे नजरअंदाज किया।

4 दिनों तक आगाह किया गया, 20 सेमी से ज्यादा बारिश का अनुमान था

शाह ने भूस्खलन में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘इस घटना में जितने भी लोग हताहत हुए हैं और घायल हुए हैं, उन सभी के परिवारजनों के साथ मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा, “मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकारी की तरफ से चेतावनी दी गई थी। इसके बाद फिर 24 और 25 जुलाई को भी चेतावनी दी गई थी। 26 जुलाई को बताया गया कि 20 सेमी से ज्यादा वर्षा होगी, भूस्खलन होने की संभावना है। मिट्टी भी गिर सकती है और लोग इसमें दब कर मर सकते हैं।’

अमित शाह ने आगे कहा, ‘मैं इसपर कुछ बोलना नहीं चाहता था, लेकिन भारत सरकार के पूर्ववर्तीय चेतावनी प्रणाली (Early Warning Sysytem) पर सवाल उठाए गए, इसलिए मैं कहता हूं कि कृपया हमें सुनें। चिल्लाइए मत, हमें सुनिए। जो चेतावनी भेजी गई है, उसे पढ़िए।’

कई राज्यों ने ऐसी चेतावनी का उपयोग कर शून्य हताहत आपदा प्रबंधन किया

केरल सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘इस देश में राज्य सरकारें ऐसी हैं, जिन्होंने इस प्रकार की चेतावनी का उपयोग करके शून्य हताहत आपदा प्रबंधन किया है। ओडिशा में जब नवीन पटनायक की सरकार थी, तब हमने सात दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, सिर्फ एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, वो भी गलती से। गुजरात सरकार को हमने तीन दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, एक पशु भी नहीं मरा।’

सात दिन पहले हर राज्य को भेजी जाती है सूचना

उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार ने 2014 के बाद पूर्ववर्तीय चेतावनी प्रणाली के लिए दो हजार करोड़ खर्च किए हैं और इसे साझा किया जाता है। सात दिन पहले हर राज्य को सूचना भेजी जाती है। वो सूचना वेबसाइट पर सबके लिए उपलब्ध है, यहां उपस्थित माननीय सांसदों के लिए भी उपलब्ध है। कई राज्यों ने इसका उपयोग भी किया है और परिणाम भी आया है। इस प्रणाली के तहत 23 तारीख को मेरे ही अनुमोदन से नौ एनडीआरएफ की टीमें केरल के लिए रवाना हो गई थीं कि वहां भूस्खलन हो सकता है।’

दुनिया की सबसे आधुनिक पूर्ववर्तीय चेतावनी प्रणाली भारत में है

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने। 2016 से पूर्ववर्तीय चेतावनी प्रणाली का प्रोजेक्ट चालू हुआ और 2023 तक दुनिया की सबसे आधुनिक पूर्ववर्तीय चेतावनी प्रणाली भारत में है। इसमें सात दिन पहले अनुमान देने वाले दुनिया में चार ही देश हैं, जिनमें से एक भारत है।

मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 लोग लापता

उल्लेखनीय है कि भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 125 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं।

भूस्खलन की ये घटनाएं मंगलवार को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया। वायनाड जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार देर रात जारी आंकड़ों के अनुसार, नीलमबुर और मेप्पडी से करीब 30 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं।

बर्बाद जिंदगियों को फिर बनाने के लिए सीएम विजयन की एकजुटता की अपील

इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वायनाड जिले में भूस्खलन से हुई तबाही के बाद लोगों से आग्रह किया कि जिस तरह वे 2018 में आई बाढ़ के बाद बर्बाद जिंदगियों को फिर से बनाने के लिए एकजुट हुए थे, ठीक उसी तरह दोबारा से एकजुट हो जाएं।

सीएम विजयन ने कहा हालांकि कई लोग मदद की पेशकश कर रहे हैं, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों व जीवन को पुनर्स्थापित करने के लिए और अधिक मदद की आवश्यकता है। उन्होंने सभी से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में योगदान देने का आग्रह किया।

विजयन ने कहा कि पहला भूस्खलन देर रात करीब दो बजे हुआ और उसके बाद तड़के साढ़े चार बजे अगला भूस्खलन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप वायनाड के मुंडकाई, चूरलमाला और अट्टामाला क्षेत्रों में बच्चों सहित गांव वाले मलबे में फंस गए। उन्होंने कहा कि भूस्खलन उस समय हुआ, जब ग्रामीण सो रहे थे। मुख्यमंत्री ने शाम को यहां संवाददाताओं से कहा कि देर रात हुई घटना के परिणामस्वरूप कई लोग बह गए या मलबे में फंस गए और सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं।