कोच्चि, 22 अगस्त। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेल में बंद मंत्रियों को बर्खास्त करने संबंधी विधेयक का बचाव करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि यदि अरविंद केजरीवाल ने जेल में रहते दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया होता तो नए संविधान संशोधन विधेयक की आवश्यकता न पड़ती। शाह ने साथ ही यह भी कहा कि संवैधानिक नैतिकता का पालन विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को करना चाहिए।
मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव में पहुंचे अमित शाह से जब बिल को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि क्या देश की जनता चाहती है कि कोई मुख्यमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाए? यह कैसी बहस है? मुझे समझ नहीं आ रहा। यह नैतिकता का सवाल है।
Live from Manorama News Conclave 2025 in Kochi, Kerala.
കൊച്ചി മനോരമ ന്യൂസ് കോൺക്ലേവ് 2025ൽ നിന്നും, തത്സമയം.@manoramanews https://t.co/IabiKD5hfl
— Amit Shah (@AmitShah) August 22, 2025
अमित शाह ने इसी मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष पूछ रहा है कि इसे पहले संविधान में क्यों नहीं शामिल किया गया। क्योंकि जब संविधान का मसौदा तैयार हुआ था, तब किसी ने अनुमान नहीं लगाया था कि जेल जा चुके लोग भी निर्वाचित पदों पर बने रहेंगे। शाह ने कहा कि एक घटना हुई है, जिसमें मुख्यमंत्री ने जेल से सरकार चलाई है।
शाह ने कहा, ‘मेरा मानना है कि लोकतंत्र में नैतिकता का स्तर बनाए रखना दोनों पक्षों की ज़िम्मेदारी है।’ वहीं आज बिहार पहुंचे पीएम मोदी ने भी इन बिलों का समर्थन करते हुए कहा कि कई लोग संवैधानिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गौरतलब है कि बिल को जेपीसी के पास भेज दिया गया है।

