पटना, 25 फरवरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के पश्चिम चंपारण में शनिवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला। एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार की पुरजोर तरीके से आलोचना की।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, ‘नीतीश बाबू, आप प्रधानमंत्री बनने के लिए विकासवादी से अवसरवादी बने, कांग्रेस और RJD के शरण में गए।’ शाह ने कहा कि नीतीश बाबू की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा ने बिहार का बंटाधार कर दिया है। राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध फिर से चरम पर जा रहा है। हत्या, अपहरण, डकैती के मामले रोज आ रहे हैं, बोलने वाले पत्रकारों की हत्या चालू हो गई है। पीएफआई जैसे संगठन बिहार में अपनी पैठ बना रहे थे, नीतीश बाबू चुप थे। मोदी जी ने पीएफआई पर बैन लगाकर पूरे देश को सुरक्षित करने का काम किया है।
पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार ही बिहार को विकास और समृद्धि की राह पर ले जा सकती है। लौरिया, पश्चिमी चम्पारण में @BJP4Bihar द्वारा आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित कर रहा हूँ। https://t.co/25J1CtFrCi
— Amit Shah (@AmitShah) February 25, 2023
‘नीतीश बाबू में अब हिम्मत नहीं है कि वो लालटेन की लौ को बुझाएं‘
भाजपा नेता ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कहा कि आज जो जंगल राज चल रहा है, उससे मुक्ति पाने का एकमात्र रास्ता, 2024 में भाजपा की सरकार बनाकर मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना है। उन्होंने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लालटेन से जो लौ उठी है, उसमें पूरा बिहार धधक रहा है। अब नीतीश बाबू में तो हिम्मत नहीं है कि वो लालटेन की लौ को बुझाएं।
शाह ने बिहार के लोगों से आग्रह किया कि इस बार ऐसा सबक सिखाइए कि बिहार में दल बदलने वाले चुप हो जाएं। उन्होंने कहा, ‘मैं नीतीश जी और लालू जी से पूछना चाहता हूं कि यूपीए सरकार के दौरान बिहार को कितना पैसा दिया गया था? 2009-2014 के बीच, बिहार को केवल 50,000 करोड़ रुपये दिए गए, लेकिन 2014-2019 के मोदी सरकार के दौरान, राज्य को एक लाख करोड़ से अधिक दिए गए।’
उन्होंने राज्य में शराबबंदी कानून को लेकर कहा कि यहां नकली शराब की बिक्री बंद होनी चाहिए। पीएम मोदी ने बिहार को 15,000 करोड़ रुपये के तीन प्रोजेक्ट दिए। जब यूपीए सरकार में लालू यादव और नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्रालय में थे तो उन्होंने बिहार को कितना पैसा दिया?