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गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में बेकाबू हालात पर की समीक्षा बैठक, NPP ने सरकार से वापस लिया समर्थन

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नई दिल्ली / इम्फाल, 17 नवम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा के बाद राज्य के बेकाबू होते हालात के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की रविवार को समीक्षा बैठक की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया।

सूत्रों ने बताया शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद करके दिल्ली लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की। इसी क्रम में सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह शाम होते होते इम्फाल पहुंच गए।

इस बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह पर आरोप लगाया कि वह राज्य में बिगड़ते हालात संभालने में नाकाम रहे हैं।

एनपीपी के समर्थन वापस लेने पर भी भाजपा सरकार पर कोई खतरा नहीं

हालांकि 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 32 विधायकों का पूर्ण बहुमत है। एनपीपी के समर्थन वापस ले लेने से सरकार पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ने वाला है। एनपीपी के पास सात विधायकों की ताकत है।

उल्लेखनीय है कि तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह लोगों की हत्या के बाद राज्य में फिर हिंसा भड़क उठी है। इम्फाल सहित कई जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी है जबकि कई क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं निलम्बित कर दी गई हैं।

गुस्साई भीड़ ने कई विधायकों के आवास को आग लगा दी

इम्फाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी।

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