नई दिल्ली, 16 मई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त काररवाई का निर्देश देने के साथ स्थायी शांति सुनिश्चित करने में राज्य को केंद्र की ओर से पूर्ण समर्थन दिये जाने का आश्वासन दिया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, मेइती और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ कई बैठकें करके राज्य में शांति बहाल करने के लिए पिछले दो दिनों में उठाए गए कदमों की समीक्षा की, जिसके बाद ये निर्देश जारी किए।
सरकार राज्य में विभिन्न समुदायों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी
गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार अमित शाह ने सभी गुटों से चर्चा करने और शांति का संदेश देने का भी आग्रह किया और न्याय का आश्वासन दिया। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार राज्य में विभिन्न समुदायों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी। उन्होंने राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दिया ताकि लोगों की पीड़ा को कम किया जा सके।
गृह मंत्री ने बैठकों के दौरान मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की, जहां दो जातीय समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। बैठक में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अलावा मणिपुर के चार कैबिनेट मंत्री और राज्य से एक राज्यसभा सदस्य शामिल थे। मणिपुर के मेइती और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों और मिजोरम के नागरिक समाज संगठनों के एक समूह ने भी शाह के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।
हिंसा में 73 लोग मारे गए, 231 घायल
गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में गत तीन मई को 10 पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसक झड़पें हुईं थीं। अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 73 लोग मारे गए, 231 घायल हुए हैं और धार्मिक स्थलों सहित 1,700 घरों को जला दिया गया, जिसने राज्य को हिलाकर रख दिया।