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अमित शाह का एलान : अगली जनगणना ई-जनगणना होगी, नीतियों को आकार देने में मिलेगी मदद

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गुवाहाटी, 9 मई। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि 100 प्रतिशत गणना सुनिश्चित करने के लिए जनगणना प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इससे उम्मीद है कि अगली जनगणना में शत प्रतिशत गणना होगी।

असम के तीन दिवसीय दौरे पर आए शाह ने सोमवार को कामरूप जिले के मुख्यालय अमिनगांव में जनगणना संचालन निदेशालय (असम) के भवन का उद्घाटन करने के बाद आयोजनत जनसभा को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कई पहलुओं के चलते जनगणना जरूरी है। आबादी को लेकर संवेदनशील असम जैसे राज्यों के लिए तो यह और भी अहम है।

31 करोड़ की लागत से नवनिर्मित जनगणना भवन के अस्तित्व में आने से पूरे नॉर्थईस्ट की जनगणना और महत्वपूर्ण डेटा के गुणवत्तापूर्ण आकलन में सहायता मिलेगी। शाह ने इसके अलावा भाषा एटलस का विमोचन और जनगणना कार्यालय की नई वेबसाइट का शुभारम्भ भी किया।

सटीक जनगणना से ही देश में समस्याओं के समाधान के लिए सही प्लानिंग हो सकती है

अमित शाह ने कहा कि सटीक जनगणना से ही देश में समस्याओं के समाधान के लिए सही प्लानिंग हो सकती है। अगर बजट की प्लानिंग जनगणना द्वारा रेखांकित विकास के नक्शे के आधार पर हो तो समस्याओं का समाधान अपने आप हो जायेगा। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू से ही जनगणना को बहुत महत्व दिया है।

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने तय किया है कि आधुनिक तकनीक से जनगणना को और सटीक, साइंटिफिक व बहुआयामी बनाया जाएगा। साथ ही इसके डेटा के विश्लेषण की उचित व्यवस्था होगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जनगणना को केवल आकड़ो का आधार नहीं बल्कि विकास की प्लानिंग का आधार बनाने की एक नई शुरुआत हुई है।

अमित शाह ने कहा कि जनगणना ही आर्थिक विकास में पीछे रह गए देश के भौगोलिक क्षेत्रों व सामाजिक समूहों को इंगित करती है। सामाजिक संरचना में होते बदलावों और देश की विभिन्न भाषा-संस्कृतियों का परिचय भी जनगणना कराती है। लेकिन दुर्भाग्य से इतनी बहुआयामी कवायद को जितना महत्व मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला।

जनगणना को नए नजरिए से देखना समय की जरूरत

उन्होंने कहा कि जनगणना को नए नजरिए से देखना समय की जरूरत है। जनगणना के काम को पेपर census से डिजिटल census की ओर ले जाने का ये एक ऐतिहासिक वर्ष है। उन्होंने कहा, ‘मैं स्वयं भी अपने परिवार के सदस्यों का डेटा ई-फॉर्म के रूप में भरूंगा और मुझे विश्वास है कि देश की जनता भी जागरूकता के साथ इसमें सहयोग करेगी।’

ई-जनगणना के आधार पर देश के अगले 25 वर्षों के विकास का खाका तैयार होगा

गृह मंत्री शाह ने कहा कि जनगणना आकड़ों का ऐसा स्रोत है, जिसके आधार पर केंद्र व राज्य सरकारें अपनी नीतियां बनाती हैं। जनगणना एक साथ हमें कई सर्वेक्षणों से बचाने का काम करती है। मोदी सरकार ने तय किया है कि अब जो जनगणना होगी, वह ई-जनगणना होगी, जिसके आधार पर देश के अगले 25 वर्षों के विकास का खाका तैयार होगा।

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