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अमित शाह ने कांग्रेस पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप, राहुल गांधी से पूछा – क्या ये देश शरिया कानून से चलेगा?

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भोपाल, 26 अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से सीधे सवाल किया है कि क्या यह देश शरिया कानून के आधार पर चलेगा? मध्य प्रदेश के गुना और राजगढ़ की चुनावी रैलियों में जाने से पहले शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शाह ने कहा कि समृद्ध देश के लिए, गरीबों के कल्याण के लिए ऐसी पार्टी चुनिए, जो अपने वादों पर खरी उतरे।

अमित शाह ने कहा, ‘आज देशभर में दूसरे चरण का मतदान जारी है। लोग भारी संख्या में वोट दे रहे हैं। मैं मतदाताओं से अपील करना चाहूंगा कि सुरक्षित देश के लिए, समृद्ध देश के लिए, गरीबों के कल्याण के लिए ऐसी पार्टी चुनिए, जो अपने वादों पर खरी उतरे। देशभर में मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए बहुत उत्साह है।’

शाह ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि यदि आप पर्सनल लॉ को आगे बढ़ाएंगे तो क्या ये देश शरिया कानून के आधार पर चलेगा? किस प्रकार का पंथ निरपेक्ष संविधान आप इस देश में चाहते हैं? भाजपा ने अपने घोषणापत्र में स्पष्टता के साथ कहा है कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड को लाएंगे।’

सीएए के जरिए मिलने वाली नागरिकता को कोई रोक नहीं सकता

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों के सभी लोगों को सीएए के माध्यम से नागरिकता मिलेगी और इसे कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को हिन्दुओं, बौद्धों, जैनियों, ईसाइयों, सिखों और पारसियों को नागरिकता मिलने से समस्या है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 सीटों पर शुक्रवार सुबह सात बजे से मतदान जारी है। चुनावी राज्यों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान जारी है।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में 1.67 लाख मतदान केंद्रों पर 16 लाख से अधिक मतदान अधिकारियों को तैनात किया गया है। आयोग ने बताया कि इस चरण में 15.88 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 8.08 करोड़ पुरुष, 7.8 करोड़ महिलाएं एवं 5929 ट्रांसजेंडर हैं। इनमें 34.8 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे।

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