ढाका, 18 जुलाई। बांग्लादेश में जारी हिंसक झड़प के बीच राजधानी ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने तात्कालिक तौर पर भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है और देश में गैर-जरूरी यात्रा और किसी भी से घर के बाहर जाने से बचने की अपील की है।
उच्चायोग की एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि छात्रों और पुलिस के बीच हालिया हिंसा अपने उफान पर है। ऐसे में आपको इससे बचना चाहिए। गौरतलब है कि ये हिंसक झड़प तब शुरू हुई, जब बांग्लादेश सरकार ने सभी सार्वजनिक और निजी कॉलेजों को बंद करने का निर्णय किया। ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, सिलहट तथा खुलना में भारतीय सहायक उच्चायोगों ने अपने नागरिकों और छात्रों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए हैं।
- ढाका में भारतीय उच्चायोग : +880-1937400591
- चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग : +880-1814654797 / +880-1814654799
- सिलहट में भारतीय सहायक उच्चायोग : +880-1313076411
- खुलना में भारतीय सहायक उच्चायोग : +880-1812817799
दरअसल, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन सिविल सेवा नौकरियों के लिए देश की आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग से प्रेरित है, जो विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले लोगों के वंशज भी शामिल हैं।
ढाका में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन तेज
ढाका में गुरुवार को कई स्थानों पर कानून प्रवर्तन के साथ छात्रों की झड़प के कारण विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। ब्रैक विश्वविद्यालय के पास मेरुल बड्डा में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और पुलिस के साथ हिंसक टकराव भी हुई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे क्षेत्र में यातायात में काफी बाधा उत्पन्न हुई। इसके अतिरिक्त, छात्रों ने प्रगति सारणी पर बशुंधरा आवासीय क्षेत्र के प्रवेश द्वार को बाधित कर दिया और जात्राबारी में ढाका-चटगांव राजमार्ग को अवरुद्ध किया हुआ है, जिससे सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ और व्यापक असुविधा हो गई। मीरपुर 10 चौराहे और आसपास के इलाकों में भी भारी पुलिस उपस्थिति देखी गई, कई स्थानीय बाजार और दुकानें बंद रहीं।