वाशिंगटन, 31 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने का श्रेय अपने प्रशासन को दिया है। उनका दावा है कि अमेरिका की पहल से दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु युद्ध टल गया। हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि हालिया युद्धविराम एक पूरी तरह द्विपक्षीय निर्णय था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
ओवल ऑफिस से ट्रंप का बड़ा बयान
वॉशिंगटन डीसी स्थित ओवल ऑफिस में एलन मस्क के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका। मुझे लगता है कि यह स्थिति परमाणु आपदा में बदल सकती थी।” उन्होंने अमेरिका की कूटनीतिक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि अमेरिका की सैन्य ताकत और नेतृत्व ने वैश्विक शांति को बनाए रखने में मदद की है। ट्रंप ने आगे कहा, “हम ऐसे देशों से व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोलियां चला रहे हों और परमाणु हथियारों की धमकी दे रहे हों। हमने दोनों देशों के नेताओं से बात की और उन्हें साथ लाने की कोशिश की।”
भारत की प्रतिक्रिया: ‘कोई तीसरा पक्ष नहीं’
हालांकि भारत ने ट्रंप के इस बयान को पूरी तरह नकार दिया है। भारत का स्पष्ट कहना है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम एक द्विपक्षीय वार्ता का परिणाम था, जो दोनों देशों के सेना प्रमुखों (DGMOs) के बीच सीधे संवाद से तय हुआ. भारत ने किसी भी तरह की तीसरी पार्टी की मध्यस्थता से साफ इनकार किया है और यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय व्यापार वार्ताओं से जुड़ा हुआ नहीं है।

