वाशिंगटन, 11 दिसंबर। अमेरिका ने चीन, म्यांमां और उत्तर कोरिया के कई लोगों और कम्पनियों पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ा चीनका सेंसटाइम ग्रुप भी शामिल है, जिसे निवेश की दृष्टि से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य संबंधित लोगों की आवाजाही को सीमित करना और कम्पनियों को वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से दूर रखना है।
मानवाधिकार दिवस पर जो बाइडेन प्रशासन की काररवाई
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को मानवाधिकार दिवस पर उत्तर कोरिया और म्यांमां की सैन्य इकाइयों पर प्रतिबंध बढ़ाने की घोषणा की। कनाडा और ब्रिटेन ने भी म्यांमां में मानवाधिकार हनन को देखते हुए प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने आरोप लगाया कि चेहरे को पहचानने वाली मशीन बनाने वाली चीनी कम्पनी सेंसटाइम की तकनीक का उपयोग उईगुरों सहित अन्य संप्रदाय विशेष के लोगों की पहचान के लिए किया जा सकता है, इसलिए अमेरिकी निवेशकों पर इस कम्पनी में निवेश करने को प्रतिबंधित किया गया है।
अमेरिका ने तीन अन्य चीनी कम्पनियों – मॉक्सिंग कार्टून, निंग्स कार्टून स्टूडियो और शंघाई हांगमैन कार्टून पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा उत्तर कोरिया से जुड़े एनिमेशन डिजायन स्टूडियो को भी प्रतिबंधित किया गया है। म्यांमां की दो सैन्य इकाइयों के अलावा एक ऐसे संगठन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जो सेना के लिए सहायता उपलब्ध कराता है।
उत्तर कोरिया में कार्यरत एक रूसी विश्वविद्यालय भी ब्लैक लिस्ट
जो बाइडेन प्रशासन ने उत्तर कोरिया के कुछ सरकारी कार्यालयों और प्रमुख मंत्रियों के अलावा उत्तर कोरिया में कार्यरत एक रूसी विश्वविद्यालय को भी ब्लैक लिस्ट किया है। आरोप है कि यह रूसी विश्वविद्यालय उत्तर कोरिया से कामगारों को बाहर भेजता था। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने चीन, बेलारूस और श्रीलंका के 12 लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है।