हैदराबाद, 6 अगस्त। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधायक कल्वाकुंतला कविता ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया है कि मणिपुर में बीते मई महीने से जारी हिंसा के लिए सीधे तौर पर ये दोनों सरकारें दोषी हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार के कविता ने तेलंगाना विधान परिषद में आदिवासी कल्याण और आदिवासियों के बीच वन भूमि के वितरण विषय पर आयोजित चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि मणिपुर हिंसा सीधे तौर पर केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा प्रायोजित है क्योंकि वहां डबल इंजन वाली भाजपा की सरकार है। दोनों सरकारों ने मिलकर मणिपुर की दोनों जातीय समूहों कुकी और मैतेई के बीच भयंकर दरार पैदा कर दी है।
भाजपा ने साजिश के तहत मैतेई व कुकी समुदायों के बीच भयंकर दरार पैदा की
के कविता ने कहा, ‘भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों ने मणिपुर में साजिश के तहत दोनों समुदायों को एक-दूसरे के विरोध में खड़ा कर दिया है, जिसके कारण पूरा मणिपुर युद्ध क्षेत्र में बदल गया है। इसमें कोई शक नहीं कि मणिपुर में हो रही हिंसा सीधे राज्य प्रायोजित है। केंद्र और राज्य सरकारें मणिपुर में स्थिति से निबटने में बुरी तरह विफल रही हैं। इसलिए हर किसी को इसकी निंदा करनी चाहिए।’
बीआरएस नेत्री कविता ने इसके साथ यह आरोप भी लगाया कि भाजपा मणिपुर में चुनावी लाभ के लिए ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपना रही है। वहीं इसके उलट तेलंगाना में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव लगातार ‘एकजुट और समृद्ध’ के आदर्श वाक्य पर बल देते हुए अपने सूबे को विकास के पथ पर ले जा रहे हैं।
तेलंगाना विधान परिषद में न केवल सत्ताधारी बीआरएस बल्कि कांग्रेस ने भी मणिपुर हिंसा के लिए भाजपा सरकार की जमकर आलोचना की। कांग्रेस के एमएलसी टी जीवन रेड्डी ने मणिपुर हिंसा की निंदा करते हुए अपील की कि तेलंगाना विधानसभा में इस संबंध एक प्रस्ताव पारित करे।
तेलंगाना विधानसभा में मणिपुर हिंसा पर निंदा प्रस्ताव पारित करने की कांग्रेस की अपील
जीवन रेड्डी ने कहा, ‘तेलंगाना विधानसभा द्वारा इसलिए निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए ताकि मणिपुर के लोगों को पता चलना चाहिए कि तेलंगाना के लोग उनके साथ हैं। हमें एक स्वर से हिंसा की निंदा करने की जरूरत है।’ कांग्रेस नेता रेड्डी ने कविता के बयान से पूरी तरह सहमत जताते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि भाजपा सरकार राज्य में शांति बहाली में फेल है। यह वास्तव में राज्य प्रायोजित हिंसा है।