नई दिल्ली, 30 जून। ब्राजील सरकार ने कोरोनारोधी वैक्सीन की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद भारत बायोटेक के साथ किया गया करार अस्थायी रूप से रोक दिया है। कोवैक्सीन की दो करोड़ डोज खरीदने का ऑर्डर देने वाली ब्राजीली सरकार ने समझौते में अनियमितताओं का आरोप लगने के बाद डील के निलंबन की घोषणा की।
ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संघ के महानियंत्रक कार्यालय (सीजीयू) की अनुशंसा पर स्वास्थ्य मंत्रालय 29 जून से भारत बायोटेक से कोविड-19 टीके की खरीद के लिए हुए करार को अस्थायी तौर पर निलंबित करता है। साथ ही वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के साथ हुई डील की जांच भी की जाएगी।
- ब्राजील ने अब तक कोई अग्रिम भुगतान नहीं किया : भारत बायोटेक
दूसरी तरफ भारत बयोटेक ने एक बयान में कहा, ‘29 जून 2021 तक भारत बायोटेक को कोई अग्रिम भुगतान नहीं मिला है और न ही उसने ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय को टीके की आपूर्ति की है। कम्पनी ने करार, नियामक स्वीकृतियों और आपूर्तियों के लिहाज से उसी दृष्टिकोण का पालन किया है, जो उसने दुनिया के उन देशों में भी किया, जहां कोवैक्सीन की सफल आपूर्ति की गई है।’
गौरतलब है कि प्रेसिसा मेडिकामेंटोस नाम की दवा कम्पनी ब्राजील में भारत बायोटेक की साझेदार है, जो नियामक प्रस्तुतियों, लाइसेंस, वितरण, बीमा, तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण आदि के आयोजन में सहयोग और मार्गदर्शन उपलब्ध करा रही है।
फिलहाल ब्राजील के साथ कोवैक्सीन डील उस वक्त विवादों में घिर गई, जब दक्षिण अमेरिकी देश के अटॉर्नी जनरल ने गत 24 जून से सौदे में जांच शुरू कर दी। सीजीयू के मंत्री वाग्नर रोसरियो ने बताया कि यह निलंबन एक एहतियाती उपाय है। उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले हफ्ते एक प्रारंभिक जांच शुरू की थी, जो करार के संबंध में एक विशेष ऑडिट है। निलंबन की अवधि बस आकलन किए जाने तक रहेगी। हमने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रबल टीम को लगाया है।’
- प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार करार में कोई अनियमितता नहीं : स्वास्थ्य मंत्री
इस बीच ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने ट्वीट किया, ‘सीजीयूऑनलाइन की अनुशंसा पर हमने कोवैक्सीन करार को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है। सीजीयू के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार करार में कोई अनियमितता नहीं हैं, लेकिन अनुपालन के कारण मंत्रालय ने और विश्लेषण के लिए करार को रोकने का फैसला किया है।’