प्रयागराज, 31 मई। यह कहते हुए कि भारतीय संस्कृति में किसी शख्स का अपनी बहू से रेप अप्राकृतिक है, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सहारनपुर जिले एक आरोपित को अग्रिम जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि आरोपों की प्रकृति, आरोपित के अब तक के जीवन, अपराध की गंभीरता और यह विचार करते हुए यह इस फैसले पर पहुंचा गया है कि भारतीय संस्कृति में किसी शख्स का दूसरे लोगों के साथ मिलकर बहू का रेप करना अप्राकृतिक है।
जस्टिस अजित सिंह की बेंच ने उस शख्स को अग्रिम जमानत दे दी, जिस पर दूसरे शख्स के साथ मिलकर बहू से रेप का आरोप है। कोर्ट ने कहा, ”केस की मेरिट पर कोई विचार दिए बिना, यह विचार करते हुए कि समाज में आरोपित की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठे आरोप लगाए गए, और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर विचार करते हुए, अग्रिम जमानत दी जा रही है।” कोर्ट ने 18 मई के अपने आदेश में जोड़ा, ”आवदेक की गिरफ्तारी की सूरत में उसे शर्तों को पूरा करने पर अग्रिम जमानत दे दी जाए।”
महिला ने सहारनपुर के एक पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 के तहत केस दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसके ससुर एक अन्य व्यक्ति के साथ उसके भाई के घर आए। उन्होंने उससे पूछा कि भाई कहां है। जब उसने बताया कि बाहर गए हैं, ससुर ने गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। विरोध करने पर ससुर ने बिस्तर पर धक्का दिया और रेप की कोशिश की। उनके साथ आए शख्स ने भी साथ दिया।