नई दिल्ली, 6 जून। लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 121 ‘निरक्षर’ उम्मीदवार खड़े हुए थे और सब के सब हार गए। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक विश्लेषण में यह बात सामने आई है। एडीआर ने बताया कि अपने चुनावी हलफनामों में खुद को ‘निरक्षर’ बताने वाले सभी 121 प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं।
चुनाव विश्लेषण करने वाली इस संस्था के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में लगभग 105 या 19 प्रतिशत विजयी उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 से 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 420 या 77 प्रतिशत नवनिर्वाचित सदस्यों ने स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री होने की घोषणा की है।
एडीआर ने कहा कि 17 नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य डिप्लोमा धारक हैं और एक ही सदस्य ‘केवल साक्षर’ हैं। विश्लेषण के अनुसार दो विजयी प्रत्याशियों की शिक्षा पांचवीं कक्षा तक रही, वहीं चार नवनिर्वाचित सदस्य ने आठवीं तक पढ़ाई की है। 34 ऐसे विजयी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में घोषणा की थी कि वे दसवीं कक्षा तक पढ़े हैं और 65 ऐसे नवनिर्वाचित सदस्य 12वीं तक की पढ़ाई कर चुके हैं।
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक पहली लोकसभा से लेकर 11वीं लोकसभा (1996-98) तक स्नातक डिग्री रखने वाले सांसदों का अनुपात लगातार बढ़ता रहा है। विश्लेषण से पता चलता है कि नयी लोकसभा में पांच प्रतिशत सांसदों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है जिनमें तीन महिलाएं हैं।
पीआरएस के एक अन्य विश्लेषण के अनुसार इस चुनाव में निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचने वाले 543 सांसदों में से सबसे अधिक सदस्यों ने कृषि और समाजसेवा को अपना पेशा बताया है। अठारहवीं लोकसभा के लगभग सात प्रतिशत सदस्य वकील हैं और चार प्रतिशत चिकित्सा पेशे से जुड़े हैं।