नई दिल्ली, 19 नवम्बर। दिल्ली ब्लास्ट के बाद निशाने पर आए फरीदाबाद स्थित अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को आज दिल्ली की एक अदालत ने 13 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेज दिया है।
अल फलाह ग्रुप पर धोखाधड़ी से 415 करोड़ के कथित घोटाले का आरोप
जावेद अहमद सिद्दीकी को मंगलवार की शाम ही दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था। सिद्दीकी को 415 करोड़ के कथित घोटाले से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी ने अपनी शैक्षणिक स्थिति के बारे में धोखाधड़ी करके 415 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है।
ईडी ने गिरफ्तारी की काररवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत की थी। मंगलवार को अल फलाह ग्रुप से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले सबूतों के बाद जावेद अहमद को गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि लाल किला मेट्रो के गेट नंबर-1 के पास हुए ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में पकड़े गए कई आतंकी इसी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए थे।
अल फलाह ग्रुप के खिलाफ दर्ज हैं 2 एफआईआर
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अल फलाह ग्रुप के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद ईडी ने जांच शुरू कर दी थी। एफआईआर में आरोप था कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी ने छात्रों से लेकर अभिभावकों तक सभी को भ्रमित किया। यूनिवर्सिटी की तरफ से झूठे और भ्रामक दावे किए गए।
यूनिवर्सिटी ने फर्जी तरीके से NAAC मान्यता का भी किया था दावा
दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक अल फलाह यूनिवर्सिटी ने फर्जी तरीके से NAAC मान्यता हासिल करने का दावा किया। इस गलत दावे का प्रचार इसलिए किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र प्रवेश ले सकें। यूजीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल है, उसने कभी भी धारा 12(B) के तहत शामिल होने के लिए आवेदन नहीं किया।

