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अखिलेश यादव का हमला – ‘भाजपा सरकार बनाना तो दूर, दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी’

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लखनऊ, 27 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ब्राह्मण विधायकों की एक बैठक को लेकर उठी सियासी हलचल के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है।

अखिलेश यादव ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश भाजपा में मचा आपसी घमासान भले ही ऊपर से ‘विद्रोही बैठकों’ का नतीजा दिखे, लेकिन इसकी असली वजह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में 2.89 करोड़ वोटरों के नाम कटने की खबर भाजपा विधायकों के बीच फैल चुकी है। सपा प्रमुख ने दावा किया कि स्वयं मुख्यमंत्री के बयान के अनुसार कटे हुए वोटरों में से लगभग 85 से 90 प्रतिशत भाजपा के अपने ही समर्थक हैं।

अखिलेश ने इसका राजनीतिक और गणितीय विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि यदि 2.89 करोड़ का 85 प्रतिशत भी माना जाए, तो यह संख्या करीब 2 करोड़ 45 लाख 65 हजार बैठती है। जब इस आंकड़े को प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों से विभाजित किया जाएगा तो प्रति सीट औसतन लगभग 61 हजार वोट कम हो जाते हैं। इसका सीधा निष्कर्ष यह है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की हर सीट पर आनुपातिक रूप से करीब 61 हजार वोट कम पाएगी। ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार बनाना तो दूर, दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी।

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा विधायक अलग-अलग बैठकें करके यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि न तो भाजपा सरकार, न संगठन और न ही उनके सहयोगी उनकी सुन रहे हैं, जिसके चलते उनके कोई काम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में जब चुनाव से पहले उनके कामकाज के आधार पर मूल्यांकन सर्वे कराया जाएगा तो वे फेल साबित होंगे।

एसआईआर ने खुद भाजपा को उसके ही खोदे गए गड्ढे में गिरा दिया है

उन्होंने कहा कि यही बुनियादी कारण है कि असंतोष से विद्रोह के स्तर तक पहुंचे लोग अब एकजुट होकर अपनी सफाई देने में जुट गए हैं। भाजपा में चंद गिने-चुने लोगों के महाभ्रष्टाचार का खामियाजा बाकी विधायकों को बदनामी के छींटों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की एसआईआर प्रक्रिया ने खुद भाजपा को उसके ही खोदे गए गड्ढे में गिरा दिया है।

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