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उत्तर प्रदेश : अखिलेश यादव और आजम खान दे सकते हैं विधायक पद से इस्तीफा

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लखनऊ, 12 मार्च। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिले स्पष्ट जनादेश के बीच अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को दोबारा सत्ता में लौटने के लिए एक बार फिर पांच वर्षों तक इंतजार करना होगा। ऐसे में जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव और पार्टी के दिग्गज नेता मो. आजम खान लोकसभा सदस्य बने रहेंगे। यदि ऐसा होता है तो उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

सपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अभी लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सिर्फ पांच सदस्य हैं, लिहाजा सियासी माहौल को देखते हुए पार्टी लोकसभा में कमजोर नहीं होना चाहती। ऐसे में अखिलेश यादव और आजम खान विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से 255 सीटों पर फतह हासिल की है। वहीं समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई हैं। इसके अलावा भाजपा के सहयोगी दलों – अपना दल (सोनेलाल) ने 12 सीटें और निषाद पार्टी ने छह सीटें जीती हैं। दूसरी ओर से सपा के सहयोगी दलों – रालोद ने आठ और सुभासपा ने छह सीटें जीती हैं। फिलहाल कांग्रेस सिर्फ दो सीटें जीत सकीं और बसपा एक सीट पर सिमट गई। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को भी दो सीटें मिली हैं।

अखिलेश यादव ने चुनाव नतीजों के बाद कहा था, ‘उत्तर प्रदेश की जनता को भी हमारी सीटें ढाई गुनी और मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए भी धन्यवाद। चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि भाजपा का यह घटाव निरंतर जारी रहेगा।’

उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि भाजपा ने जो भ्रम और छलावा फैलाया, वह आधे से ज्यादा दूर हो गया है जबकि बाकी कुछ दिनों में दूर हो जाएगा। समाजवादी पार्टी जनता की समस्याओं और विकास के मुद्दों को सदन के अंदर और बाहर मजबूती से उठाएगी। जनहित में संघर्ष अवश्य जीतेगा। समाजवादी पार्टी लोकतंत्र के लिए संकल्पित है।

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