लखनऊ, 12 फरवरी। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समाजवादी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव किया था।
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य बताने वाले बयान की निंदा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जिस उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीति चमकाने आए थे, उसे बीमारू बता रहे हैं।
सपा सरकार ने यूपी में जितने विकास कार्य किए, केंद्र ने एक रुपया भी नहीं दिया
अखिलेश यादव ने दावा किया कि समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जितने भी विकास कार्य किए, उसमें केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया था। समाजवादी सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे प्रदेश सरकार के बजट से बनाया था।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा वाले जेवर एयरपोर्ट की बात कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि समाजवादी सरकार ने इसे बनाने के लिए एनओसी मांगी थी। केंद्र की भाजपा सरकार ने पक्षपात करते हुए न नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की एनओसी दी और न फिरोजाबाद के हिरनगांव के लिए एनओसी दी।
भाजपा सरकार इसी तरह का आयोजन कर जनता का ध्यान भटकाती है
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछली इन्वेस्टमेंट मीट के समय भी इसी तरह का हल्ला किया था, लाखों करोड़ रुपये के एमओयू का दावा किया था, लेकिन जमीन पर कोई निवेश नहीं उतरा न लोगों को रोजगार मिला। भाजपा सरकार जनता को गुमराह करने के लिए इसी तरह का आयोजन करके ध्यान भटकाती है। सरकार बताए कि पिछले इंवेस्टमेंट मीट के समय हुए एमओयू में से कितना जमीन पर उतरा।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, मेजर ध्यानचंद और राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर बनायी जा रही यूनिवर्सिटी की क्या स्थिति है। भाजपा सरकार इन्हें आज तक क्यों नहीं पूरा कर पाई। अटल जी के नाम पर यूनिवर्सिटी की घोषणा तो कर दी, लेकिन अब उसे समाजवादी सरकार में बनाए गए डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कैम्पस में चला रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने यूपी में बुन्देलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को मीडियम मानक से कम क्यों कर दिया। सरकार ने इण्डियन रोड कांग्रेस के मानकों को पूरा नहीं किया। आखिर सरकार ने उद्योगपति मुकेश अंबानी से अपनी तारीफों के पुल क्यों बंधवाये जबकि उत्तर प्रदेश में जियो समाजवादी सरकार के समय आया था। इसी तरह से आदित्य बिडला भाजपा सरकार के बुलावे पर आ तो गए, लेकिन उन्हें याद होगा कि समाजवादी सरकार ने भी उन्हें निवेश के लिए बुलाया था। तब केंद्र सरकार ने उन पर दबाव क्यों बनाया था।