लखनऊ, 7 फरवरी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा कर रही है। भाजपा साजिश के तहत पिछड़ों, दलितों के आरक्षित पद खत्म कर रही है। इसी रणनीति के तहत निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकारी विभागों में जो नौकरियां और भर्तियां निकलती हैं उनमें भी पिछड़ों और दलितों की कोई न कोई कारण बताकर भर्ती नहीं की जा रही है।
अखिलेश ने कहा, सामाजिक न्याय की विरोधी भाजपा हर कदम पर दलितों, पिछड़ों के साथ भेदभाव कर रही है। पिछले दिनों लखनऊ पीजीआइ में आरक्षण के नियमों को दरकिनार कर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को रिक्त छोड़ दिया गया। विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में भी दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा की गई है।
सपा मुखिया ने कहा कि सपा पिछड़ों और दलितों के इसी हक और सम्मान को दिलाने के लिए लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग करती आ रही है। भाजपा जातीय जनगणना से डरती है, जबकि पिछड़ों, दलितों के हक और सम्मान दिलाने, उनके साथ हो रहे भेदभाव और अन्याय को खत्म करने के लिए जातीय जनगणना और सभी जातियों का आंकड़ा होना बेहद जरूरी है।
सीएम आवास से गमला चोरी पर अखिलेश का तंज अखिलेश ने इन्वेस्टर्स समिट से पहले मुख्यमंत्री आवास से गमला चोरी होने पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि…माननीय से निवेदन है कि थोड़ा ””इन्वेंस्टमेंट”” सुरक्षा पर भी करें। मुख्यमंत्री आवास से फूलों के गमले चोरी होने की खबर उच्च सुरक्षा क्षेत्र के लिए शोभनीय नहीं। माननीय से आग्रह है कि विविध रंगों के फूलों को भी बचाइए और विविधता की सुगंध को भी।
मोहन भागवत से पूछा सवाल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान…ऊंच-नीच की श्रेणी भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई है, पर सपा प्रमुख अखिलेश ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि उनसे सवाल पूछा है। अखिलेश ने ट्वीट किया… भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं, कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है।