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आकाश आनंद की बसपा में वापसी, मायावती ने भतीजे की माफी स्वीकार की, लेकिन उत्तराधिकारी बनाने से इनकार

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लखनऊ, 13 अप्रैल। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में रविवार को नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। इसके तहत पार्टी प्रमुख मायावती के भतीजे व बसपा के पूर्व नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने माफी मांगते हुए पार्टी में फिर मौका देने की बहन मायावती से अपील की और इसके कुछ घंटे बाद ही मायावती ने भतीजे की माफी स्वीकार करते हुए उनकी पार्टी में वापसी का रास्ता साफ कर दिया।

भतीजे आकाश आनंद की बसपा चीफ मायावती से भावुक अपील – ‘मेरी गलतियों को माफ करें और पार्टी में फिर मौका दें’

दरअसल, आकाश आनंद ने दिन में X पर लंबी चौड़ी पोस्ट में बुआ से भावुक अपील की थी कि बहन जी उनकी गलतियों की माफ करते हुए उन्हें पार्टी में एक बार फिर मौका दें। इसके तीन घंटे के अंदर ही बहन मायावती ने आकाश आनंद को माफ कर दिया और उनकी पार्टी में वापसी भी तय कर दी। मायावती ने हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया फिलहाल आकाश आनंद को वह अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करने वाली हैं। साथ ही आकाश आनंद के श्वसुर को लेकर भी शर्त रख दी है।

मायावती बोलीं – आकाश को एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया गया

मायावती ने एक्स पर लिखा कि आकाश आनंद ने आज अपने चार पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने और सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने की बात लिखी। साथ ही अपने श्वसुर की बातों में आगे नहीं आकर बपसा और मूवमेंट के लिए जीवन समर्पित करने का वादा किया। इसके मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया गया।

मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ‘वैसे अभी मैं स्वस्थ्य हूं और स्वस्थ्य रहने तक कांशीराम जी की तरह पार्टी और मूवमेंट के लिए समर्पित रहूंगी। ऐसे में मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। मैं अपने निर्णय पर अटल हूं और रहूंगी।‘

आकाश का श्वसुर की बातों में न आने का वादा

मायावती ने कहा कि वैसे पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने और आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर वह लोगों से लगातार संपर्क करता रहा है। आज उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने श्वसुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है।

अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में लेने से इनकार

इसी क्रम में मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि आकाश आनंद के श्वसुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां माफ करने लायक नहीं हैं। उन्होंने गुटबाजी जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के करिअर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में अशोक सिद्धार्थ को माफ करने और पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।

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