नई दिल्ली, 13 जून। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को लगातार तीसरी बार नियुक्ति मिल गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा को भी सेवा विस्तार मिल गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इन दोनों पद पर सेवा विस्तार को मंजूरी दी है।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने दोनों पदों पर सेवा विस्तार को मंजूरी दी
अजित डोभाल अब अगले पांच वर्षों तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर बने रहेंगे। उन्हें कैबिनेट रैंक के अफसर का दर्जा मिला हुआ है, जो पहले की तरह ही बरकरार रहेगा। अजित डोभाल नई सरकार गठन के बाद अपने पहले असाइनमेंट पर पीएम मोदी के साथ इटली जाएंगे, जहां वह जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। इसके पूर्व बुधवार की रात पीएम मोदी की एक बैठक में भी डोभाल मौजूद थे, जिसमें कुवैत की एक इमारत में आग लगने से 42 भारतीयों की मौत के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की थी।
केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अजित डोभाल के नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वह 10 जून, 2024 को नियुक्त हुए हैं। उनका कार्यकाल अगले आदेश तक या फिर पीएम के कार्यकाल तक बना रहेगा।’
मोदी सरकार के दौर में डोभाल का अच्छा रुतबा रहा है
उल्लेखनीय है कि अजित डोभाल का मोदी सरकार के दौर में अच्छा रुतबा रहा है और उन्हें कैबिनेट की रैंक मिलती रही है। अजित डोभाल आईपीएस अधिकारी रहे हैं और खुफिया अफसर के तौर पर उनके काम की खूब सराहना की जाती है। वह 2014 में ही पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर जुड़े थे। भारत की सुरक्षा नीति पर अजित डोभाल की छाप देखी जाती है। वह जम्मू-कश्मीर में पाक प्रेरित आतंकवाद और देश एवं विदेश में खालिस्तान के उभार के संकट से निबटने में अहम रोल अदा कर रहे हैं।
अरब देशों के साथ भारत के बेहतर रिश्तों के पीछे भी डोभाल की भूमिका
अरब देशों के साथ भारत के बेहतर रिश्तों के पीछे भी डोभाल की भूमिका मानी जाती है। मोदी सरकार के दौर में भारत ने पाकिस्तान पर सख्त नीति का पालन किया है। उड़ी पर अटैक के बाद भारत ने हमला बोला था। इसके अलावा पुलवामा अटैक के बाद भी भारत ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए काररवाई की थी।