नई दिल्ली, 23 दिसम्बर। अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) पंचाट (ट्रिब्यूनल) ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की उस दलील को खारिज कर दिया है कि उसकी डेविस कप टीम को इस्लामाबाद में विश्व ग्रुप एक प्ले-ऑफ मुकाबले के दौरान सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है।
अंतिम बार 1964 में किसी भारतीय टीम ने किया था पाकिस्तान का दौरा
आईटीएफ पंचाट के इस फैसले से 60 वर्षों में किसी भारतीय टेनिस टीम पहली बार पाकिस्तान का दौरा करना पड़ेगा। भारतीय टीम यदि पाकिस्तान की यात्रा करने में विफल रहती है तो मेजबान देश को इस टाई का विजेता घोषित कर दिया जायेगा। इससे भारतीय टीम विश्व ग्रुप दो में खिसक जाएगी। भारत की डेविस कप टीम ने पिछली बार 1964 में पाकिस्तान का दौरा किया था, जब उसने मेजबानों को 4-0 से हराया था।
एआईटीए के महासचिव अनिल धूपर ने आईटीएफ से उनकी अपील खारिज होने की पुष्टि की। धूपर ने कहा, ‘मुझे पता चला है कि एआईटीए की अपील को आईटीएफ पंचाट ने खारिज कर दिया है। हम सोमवार को खेल मंत्रालय से संपर्क करेंगे और टीम को पाकिस्तान भेजने के मामले में मार्गदर्शन मांगेंगे।’
डीसीसी ने भी एआईटीए की दलील खारिज कर दी थी
एआईटीए ने हाल ही में तीन-चार फरवरी (2024) को विश्व ग्रुप एक प्ले-ऑफ मुकाबले के लिए पांच सदस्यीय टीम की घोषणा की थी और कहा था कि यदि आईटीएफ उसकी अपील को खारिज कर देता है, तो वह डेविस कप टीम को पाकिस्तान भेजेगा। तटस्थ स्थल के लिए एआईटीए के अनुरोध को 15 सदस्यीय डेविस कप समिति (डीसीसी) ने भी खारिज कर दिया था, जिसके बाद में राष्ट्रीय संघ ने आईटीएफ पंचाट का दरवाजा खटखटाया था।
पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पंचाट ने कहा, ‘पाकिस्तान में मुकाबला आयोजित करने के डीसीसी के फैसले के ठोस आधार हैं और डेविस कप मुकाबले के लिए डीसीसी द्वारा चुने गए स्थान (देश) का दौरा करना सभी देशों के लिए जरूरी है।’
एआईटीए का तर्क था कि भारत के साथ अन्य देशों की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हैं। एआईटीए ने यह भी दलील दी थी कि आठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे, ऐसे में भारतीय टीम को पाकिस्तान की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
डीसीसी ने भी एआईटीए की दलील को खारिज करते हुए कहा था, ‘पाकिस्तान ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण डेविस कप मुकाबलों की सफल मेजबानी की है, इसलिए इस बात का कोई ठोस आधार नहीं है कि भारत के खिलाफ मुकाबलों की मेजबानी पाकिस्तान उचित तरीके से नहीं कर सकता। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना मेजबान राष्ट्र की जिम्मेदारी है। भारतीय टीम को निश्चिंत रहना चाहिए। उनकी यात्रा और भागीदारी के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय होंगे।’
आईटीएफ ने 2019 में भारत का आग्रह मान लिया था
भारत को इससे पहले 2019 में भी पाकिस्तान में खेलना था, लेकिन तब आईटीएफ ने एआईटीए के अनुरोध पर मुकाबले को कजाखस्तान स्थानांतरित कर दिया था। भारत ने इसे 4-0 से जीता था। तब पाकिस्तान के शीर्ष खिलाड़ियों ने एआईटीए के उनके देश की यात्रा नहीं करने के फैसले के विरोध में मुकाबले से नाम वापस ले लिया था। पाकिस्तान ने नए खिलाड़ियों को मैदान में उतारा, जो भारत की मजबूत टीम को टक्कर नहीं दे पाए थे।
भारतीय टीम से नाम वापस ले चुके हैं शीर्ष खिलाड़ी सुमित नागल व शशिकुमार मुकुंद
पाकिस्तान के खिलाफ आगामी टाई के लिए भारत के शीर्ष खिलाड़ी सुमित नागल और शशिकुमार मुकुंद ने नाम वापस ले लिया है। इस मुकाबले को जीतने वाली टीम 2024 सत्र के बाकी हिस्सों के लिए विश्व ग्रुप एक में जगह बरकरार रखने में सफल रहेगी। भारतीय टीम में रामकुमार रामनाथन, एन श्रीराम बालाजी, युकी भांबरी, निकी पूनाचा और साकेत मायनेनी को जगह दी गई है। दिग्विजय प्रताप सिंह टीम के रिजर्व खिलाड़ी है। उन्होंने सितम्बर में लखनऊ में मोरक्को के खिलाफ पदार्पण किया था।