नई दिल्ली, 8 नवम्बर। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने शाजी प्रभाकरण को एआईएफएफ महासचिव पद से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। एआईएफएफ की कार्यकारी समिति द्वारा अंतिम मंजूरी प्रदान किए जाने से पहले अंतरिम अध्यक्ष कल्याण ने यह निर्णय लिया।
कल्याण चौबे ने फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, ‘एआईएफएफ सदस्यों के बीच उनके कामकाज को लेकर काफी नाराजगी थी, जिसके कारण हमें अनुबंध समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा।’ एआईएफएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ‘विश्वास के उल्लंघन’ के कारण शाजी का अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।
उप सचिव एम सत्यनारायण को कार्यवाहक महासचिव का कार्यभार
बयान में यह भी कहा गया कि एआईएफएफ के उप सचिव एम सत्यनारायण तत्काल प्रभाव से कार्यवाहक महासचिव का कार्यभार संभालेंगे। प्रभाकरण को पिछले वर्ष सितम्बर में चौबे के नेतृत्व में नए शासन के हिस्से के रूप में कुशल दास की जगह इस भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था। पुरुषों की राष्ट्रीय टीम भी 2018 के बाद पहली बार शीर्ष 100 फीफा रैंकिंग में पहुंची थी।
फिलहाल प्रभाकरण के कामकाज और उनके उच्च मुआवजे को लेकर एआईएफएफ कार्यकारी समिति के भीतर अशांति देखी गई। वीडियो असिस्टेंट रेफरल (वीएआर) प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए महासंघ के भीतर धन की कमी की शिकायत की। एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने मंगलवार को प्रभाकरण को बर्खास्तगी का पत्र दिया। उन्हें तीन सितम्बर, 2022 को ही यह पद दिया गया था।
एआईएफएफ उपाध्यक्ष एन ए हैरिस ने बताया, ‘एआईएफएफ ने प्रभाकरण को बर्खास्तगी का पत्र दे दिया है। वह अब एआईएफएफ महासचिव नहीं हैं। उप महासचिव सत्यनारायणन एम कार्यवाहक महासचिव होंगे।’
प्रभाकरण ने पिछले वर्ष 6 सितम्बर को एआईएफएफ महासचिव का पद संभाला था
उन्होंने कहा कि चौबे और प्रभाकरण के बीच विश्वास की कमी थी और प्रभाकरण की कार्यशैली से एआईएफएफ कार्यकारी समिति के सदस्य भी खुश नहीं थे। दिल्ली फुटबॉल संघ के अध्यक्ष रहे प्रभाकरण ने छह सितम्बर, 2022 को एआईएफएफ महासचिव का पद संभाला था। कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सदस्यों को औपचारिक तौर पर इस घटनाक्रम की जानकारी दी जाएगी।