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थाईलैंड सामूहिक गोलीबारी : डे केयर सेंटर में अपने बच्चे के न होने पर उत्तेजित हमलावर ने मचाया कत्लेआम

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बैंकॉक, 6 अक्टूबर। थाईलैंड में एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने एक डे केयर सेंटर में सिर्फ इसलिए कत्लेआम मचा दिया कि उसका बच्चा वहां नहीं मिला, जिसके बाद वह उत्तेजित हो उठा। हमलावर ने नोंग बुआ लाम्फु के डे केयर सेंटर में बंदूक और चाकू से हमला कर 32 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। मरने वालों में 22 मासूम बच्चे हैं, जिनकी उम्र एक से चार वर्ष के बीच बताई जा रही है।

पुलिस सेवा से बर्खास्त हो चुके इस अधिकारी इतने मासूमों को मारने के बाद भी शांत नहीं हुआ। हमले को अंजाम देने के बाद हमलावर अपने घर पहुंचा और वहां अपनी पत्नी और बच्चे की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस प्रवक्ता पैसन ल्यूसोम्बून ने बताया कि कत्लेआम मचाने के बाद घर लौटने और अपनी पत्नी और बच्चे की हत्या करने से पहले उसने अपनी गाड़ी से सेंटर के बाहर जमा हुई भीड़ को कुचलने की कोशिश की। जब तक कोई उसे देख पाता, वह आसानी से भीड़ में गायब हो गया। एक प्रत्यक्षदर्शी पवना पुरीचन ने बताया कि हमले के बाद उसका सामना बंदूकधारी से हुआ था जो गलत तरीके से गाड़ी चला रहा था। उसका इरादा सड़क पर दूसरों को टक्कर मारने का था।

नशे के कारण एक वर्ष पहले ही हुआ था बर्खास्त

हमलावर पहले थाईलैंड पुलिस में अधिकारी था। ड्यूटी पर नशे में रहने और लापरवाही बरतने के कारण लंबी जांच के बाद उसे पिछले वर्ष नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इस घटना के बाद वह और ज्यादा मात्रा में नशा करने लगा था। स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदूकधारी को इलाके में एक नशेड़ी के तौर पर जाना जाता था। वह अक्सर नशे के हालत में ही पाया जाता था।

बंदूक के साथ चाकू से भी बच्चों पर किया हमला

जिला पुलिस अधिकारी चक्राफात विचितवैद्य ने प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देते हुए कहा कि बंदूकधारी को चाकू चलाते हुए भी देखा गया था। जिला अधिकारी जिडापा बूनसोम ने कहा कि जब बंदूकधारी डे केयर सेंटर पहुंचा तो उस समय लगभग 30 बच्चे वहां मौजूद थे। यह संख्या सामान्य से काफी कम है क्योंकि भारी बारिश के कारण अधिकतर लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं पहुंचा पाए थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अगर बच्चे ज्यादा संख्या में मौजूद होते तो मौत का भी आंकड़ा बढ़ सकता था।

8 माह की गर्भवती शिक्षिका को भी नहीं बख्शा

हमलावर ने आठ माह की गर्भवती शिक्षिका पर भी दया नहीं दिखाई। उसने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए उस महिला शिक्षिका को भी मार डाला। हमलावर ने इसके अलावा डे केयर सेंटर में काम करने वाले चार से पांच कर्मचारियों को भी गोली का निशाना बनाया। बूनसोम ने बताया कि शूटर लंच के समय आया। उसने पहले वहां काम करने वाले कर्मचारियों की हत्या की और बाद में एक बंद कमरे में घुस गया, जहां बच्चे सो रहे थे।

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