नई दिल्ली, 3 अगस्त। पेगासस जासूसी विवाद सहित तमाम मुद्दों को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को विपक्षी दलों को एकजुट करने की एक अनूठी पहल की। इस क्रम में उन्होंने विपक्ष के नेताओं को कांस्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर बुलाया, जहां बैठक के बाद सभी नेता साइकिल मार्च निकालते हुए संसद भवन के लिए रवाना हो गए।
पिछले ही हफ्ते ट्रैक्टर चलाकर संसद तक पहुंचे राहुल ने इस साइकिल मार्च की अगुआई की और विपक्षी नेताओं से अपील करते हुए कहा कि यदि सभी विपक्षी दल एकजुट रहेंगे तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) उसकी उनकी आवाज नहीं दबा पाएंगे।
वायनाड (केरल) से सांसद राहुल गांधी ने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘हमें इस आवाज (लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, यह आवाज जितनी एकजुट होगी, उतनी ही मजबूत होगी। और भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा।’
14 विपक्षी दलों के नेता बैठक में शामिल रहे
इस बैठक में शिवसेना, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सीपीआई, सीपीआईएम व जेएमएम समेत 14 दलों के नेता शामिल रहे। हालांकि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और मायावती की बीएसपी ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी।
गौरतलब है कि सामान्यतः यूपीए और उससे इतर विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए अब तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ही प्रयास करती रही हैं, लेकिन यह पहला मौका था, जब राहुल गांधी ने इस तरह से समूचे विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास किया। विपक्षी दलों की बैठक के बाद राहुल ने साइकिल मार्च की अगुआई भी की और गैस एवं पेट्रोल-डीजल के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया।