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महाराष्ट्र संकट : नोटिस के बाद अब शिवसेना के बागी विधायकों से मंत्री पद छीने जाने की तैयारी

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मुंबई, 26 जून। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अब बागी विधायकों पर एक और काररवाई की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि वह अब बागी विधायकों से मंत्री पद छीन सकते हैं। इसके पूर्व शनिवार को अयोग्यता को लेकर डिप्टी स्पीकर की ओर से पार्टी के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर 27 जून तक लिखित रूप में जवाब मांगा है।

बागी खेमे के विधायकों में दो फाड़ होने के भी संकेत

सीएम ठाकरे अगर मंत्री पद छीनते हैं तो बागी नेताओं का नेतृत्व करने वाले एकनाथ शिंदे समेत गुलाबराव पाटिल, दादा भुस व शंबुराजे देसाई अपने विभाग गंवा सकते हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि बागी खेमे के विधायकों में दो फाड़ हो गए हैं। एकनाथ शिंदे कैंप के करीब 20 विधायक शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं।

एकनाथ शिंदे गुट जा सकता है अदालत

उधर, एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटाने के महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर कानूनी राय लेने के बाद एकनाथ शिंदे खेमा अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को नोटिस का जवाब देने के लिए बागी विधायकों को कम से कम सात दिनों का समय देना चाहिए था।

केंद्र की ओर से शिवसेना के 15 बागी विधायकों को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा!

इस बीच यह भी खबर सामने आई है कि केंद्र द्वारा बागी विधायकों को ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, इनमें 15 विधायक शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, विधायक रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, सदानंद सरनावंकर, योगेश दादा कदम, प्रताप सरनाइक, यामिनी जाधव, प्रदीप जायसवाल, संजय राठौड़, दादाजी भूसे, दिलीप लांडे, बालाजी कल्याणकर, संदीपन को ‘वाई प्लस’ सुरक्षा प्रदान की गई है।

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