नई दिल्ली, 14 मई। भयावह कोरोना संक्रमण के दौरान मृत लोगों के बेसहारा बच्चों की मदद के लिए मध्य प्रदेश के बाद अब दिल्ली सरकार ने पहल की है और उनकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर परवरिश तक का सारा खर्च उठाने का संकल्प लिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संक्रमण से मारे गए लोगों के बच्चे खुद को अनाथ न समझें। दिल्ली सरकार ऐसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी परवरिश तक का खर्च उठाएगी। ऐसे परिवारों को आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
- राष्ट्रीय राजधानी में लगातार कम हो रहे सक्रिय मामले
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। शुक्रवार को पूर्वाह्न जारी स्वास्थ मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे के भीतर 10,489 नए संक्रमितों की पहचान के विपरीत 15,189 मरीज स्वस्थ घोषित किए गए। हालांकि इस दौरान 308 लोगों की मौत भी हुर्ई। दिल्ली में सक्रिय मामले भी घटकर 77,717 रह गए हैं।
केजरीवाल ने कहा, ‘कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और ढिलाई बरतने की गुंजाइश नहीं है। मैं जानता हूं कि कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं उनके लिए उपलब्ध हूं। वो अपने आप को अनाथ न मानें। सरकार उनकी पढ़ाई के साथ ही अन्य खर्च भी उठाएगी।’
- मध्य प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों को पेंशन देगी
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार कोरोना काल में प्रभावित परिवारों के लिए पहले ही पेंशन की घोषणा कर चुकी है। दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि ऐसे बच्चों को प्रति माह पांच हजार रुपये पेंशन दी जाएगी, जिनके परिवार से पिता का साया उठ गया और घर में कोई कमाने वाला नहीं बचा।
मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी घोषणा की थी कि ऐसे सभी बच्चों की शिक्षा का भी निःशुल्क प्रबंध किया जाएगा ताकि वे अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रख सकें। इसी क्रम में पात्रता न होने पर भी ऐसे परिवारों को मुफ्त राशन भी दिया जाएगा।