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विवाद के बाद कर्नाटक सरकार बैकफुट पर – निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण के फैसले पर रोक

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बेंगलुरु, 17 जुलाई। कर्नाटक सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की C और D कैटेगरी की नौकरियों में स्थानीय लोगों को शत प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा दी है। दरअसल, सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले के बाद काफी विवाद उठ खड़ा हुआ, जिसके चलते कैबिनेट को अपना फैसला स्थगित करना पड़ा। अब सरकार इस बिल पर पुनर्विचार करेगी।

गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्राइवेट सेक्टर्स की नौकरियों में ‘कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण’ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पहले एक पोस्ट की थी, जिसे बाद में उन्होंने हटा लिया था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक और पोस्ट किया था, जिसमें कहा गया है कि कैबिनेट ने कर्नाटक में निजी उद्योगों और अन्य संगठनों में प्रशासनिक पदों के लिए 50 प्रतिशत और गैर-प्रशासनिक पदों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण तय करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है।

सीएम सिद्धारमैया ने कहा था, ‘हमारी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को अपनी जमीन पर आरामदायक जीवन जीने का अवसर दिया जाए। हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं। हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण का ध्यान रखना है।’

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीएम सिद्धारमैया के एक करीबी सूत्र ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने अपना मैसेज ठीक कर लिया है। प्रस्तावित विधेयक में 100 प्रतिशत आरक्षण की बात नहीं कही गई थी, इसलिए उन्होंने पिछली पोस्ट को हटा दिया और नए संदेश में गलती सुधार ली थी।

बिल पर पुनर्विचार करेगी कर्नाटक सरकार

हालांकि कर्नाटक सरकार के इस फैसले का चौतरफा विरोध शुरू हो गया था, इसके बाद सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि कर्नाटक सरकार इस बिल पर पुनर्विचार करेगी।

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