नई दिल्ली, 19 मई। कानून मंत्रालय छिनने के बाद किरेन रिजिजू का पहली बार बयान आया है। उनका कहना है कि मंत्रालय में किया गया यह बदलाव, कोई सजा नहीं बल्कि सरकार का प्लान है और यह पीएम नरेंद्र मोदी का विजन है। रिजिजू ने इसके साथ ही यह भी कहा कि अब उनसे पिछले मंत्रालय के बारे में सवाल न पूछा जाए क्योंकि उन सवालों का कोई मतलब नहीं रह गया है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का काम संभालने के बाद रिजिजू ने कहा, ‘मंत्रालय में यह बदलाव कोई सजा नहीं है। यह सरकार की योजना है और पीएम नरेंद्र मोदी का विजन है।’ रिजिजू ने इस दौरान न्यायपालिका से खींचतान को लेकर सवाल पूछे जाने पर कहा कि यह राजनीति करने का दिन नहीं है।
रिजिजू ने कहा, ‘कृपया मेरे पिछले मंत्रालय को लेकर कोई सवाल ना पूछें। इन सवालों का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। मैं जिम्मेदारी के साथ काम करता रहूंगा, जो भी काम मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौंपा है।’
गौरतलब है कि किरेन रिजिजू को 7 जुलाई, 2021 को कानून मंत्रालय का प्रभार मिला था और वह दो साल से भी कम वक्त तक इस पद पर रह पाए। रविशंकर प्रसाद से लेकर किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय दिया गया था। अब किरेन रिजिजू के स्थान पर राजस्थान के सांसद अर्जुन राम मेघवाल को इसका जिम्मा मिला है। किरेन रिजिजू के अलावा उनके जूनियर मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल को भी हटाया गया है। बघेल को स्वास्थ्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली है।
रिजिजू ने सीजेआई से कहा था – कॉलेजियम में सरकार को भी मिले एंट्री
गौरतलब है कि किरेन रिजिजू ने जजों की नियुक्ति के लिए बने कॉलेजियम सिस्टम को लेकर कई तीखे बयान दिए थे। उनका कहना था कि कॉलेजियम की व्यवस्था अंधी है और इसमें पारदर्शिता नहीं दिखती।
रिजिजू ने कहा था कि कॉलेजियम का संविधान में कहीं भी जिक्र नहीं है। यही नहीं उन्होंने कहा था कि ऐसा दुनिया में शायद ही कहीं होता होगा कि जज ही जय की नियुक्ति कर लें। यही नहीं जनवरी में तो उन्होंने चीफ जस्टिस को एक लेटर भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम में सरकार की ओर से तय किए गए लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए।