मुंबई, 16 जुलाई। महाराष्ट्र में सत्ता पलट के बाद भी राजनीतिक रस्साकशी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसका ताजा उदाहरण शनिवार को देखने को मिला, जब राज्य के दो जिलों – औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के पूर्ववर्ती उद्धव सरकार के फैसले को वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अल्पमत वाली सरकार
शिवसेना (ठाकरे गुट) ने औरंगाबाद में किया विरोध प्रदर्शन
हालांकि इस कृत्य शिवसेना (ठाकरे गुट) ने एमवीए सरकार द्वारा औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने की समीक्षा करने के मौजूदा महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ औरंगाबाद में विरोध प्रदर्शन किया।
संशोधन के बाद औरंगाबाद अब छत्रपति संभाजीनगर के नाम से जाना जाएगा
दरअसल, आज हुई कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मामले पर कहा, ‘पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे का फैसला गैरकानूनी था, जिस पर हमने बाद में कानूनी तरीके से मुहर लगा दी है। इसके चलते औरंगाबाद को अब छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा।’
उद्धव और शिंदे सेना में अब लगी हिन्दुत्व की होड़
गौरतलब है कि शिंदे सहित लगभग 40 शिवसेना विधायकों के बागी होने के कारण महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अल्पमत में आने के बाद गत 29 जून की रात को सीएम पद से त्यागपत्र की घोषणा से कुछ घंटे पूर्व जल्दबाजी में आहूत उद्धव कैबिनेट की आखिरी बैठक में ये दोनों बड़े फैसले लिए गए थे।
हालांकि उस दौरान एकनाथ शिंदे लगातार आरोप लगा रहे थे कि उद्धव ठाकरे हिन्दुत्व और बालासाहेब के बताए रास्ते से पूरी तरह भटक गए हैं। इसी क्रम में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद से ही हिन्दुत्व को लेकर उद्धव ठाकरे से लगातार सवाल पूछे जाते थे। वहीं उद्धव ठाकरे इस्तीफा देने से पहले आगे की भूमिका बनाने के लिए ये फैसले खुद की ही सरकार में कर देना चाहते थे।
उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का फैसला किया गया था, लेकिन शिंदे नीत सरकार ने शनिवार को इसके आगे ‘छत्रपति’ जोड़ दिया। इस समय मंत्रिमंडल में केवल दो सदस्य शिंदे और फडणवीस हैं, क्योंकि इसका विस्तार अभी नहीं हुआ है।
मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत ताजा प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि (ठाकरे की अध्यक्षता में हुई) 29 जून की मंत्रिमंडल की बैठक के कार्य विवरण को नई सरकार (शिंदे के नेतृत्व वाली) ने शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी।
बयान में कहा गया है, ‘मंत्रिमंडल द्वारा आज स्वीकृत ताजा प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा, जिसके बाद दोनों शहरों का नाम संभाग, जिला, तालुका, नगर निगम और परिषद स्तर पर बदला जाएगा।’ मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दे दी। उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले महीने इस संबंध में भी फैसला किया था।