रायपुर, 9 मार्च। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुआई में छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का फैसला लिया गया है। बुधवार को प्रस्तुत वर्ष 2022-23 के राज्य बजट में एक जनवरी, 2004 और इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की गई।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 9, 2022
छत्तीसगढ़ इसके साथ ही राजस्थान के बाद दूसरा कांग्रेसशासित राज्य बन गया है, जिसने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का एलान किया है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को अपना चौथा बजट पेश करते हुए एलान किया था कि राज्य की कांग्रेस सरकार एनपीएस को छोड़कर अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू कर देगी।
भाजपाशासित राज्यों पर बढ़ रहा दबाव
चूंकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का एलान निश्चित तौर पर वोटरों को लुभाने के लिए किया है। हालांकि, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के एलान के बाद अब भाजपाशासित प्रदेश भी दबाव में आ गए हैं। दरअसल, इन राज्यों में भी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग करने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश चुनाव में भी छाया रहा यह मुद्दा
देखा जाए तो पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली का मुद्दा यूपी चुनाव में भी काफी छाया रहा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही वादा कर चुके हैं कि यदि उनकी सरकार बनी तो राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर दी जाएगी। उनके चुनावी वादे से इस मुद्दे ने और जोर पकड़ लिया।
हालांकि, इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में भी पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग उठ चुकी है। उल्लेखनीय है कि अटव विहारी बाजपेयी की एनडीए सरकार ने वर्ष 2003 में पुरानी पेंशन योजना खत्म कर नई योजना को बहाल किया था।