नई दिल्ली, 23 दिसंबर। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में चिंता फैली ही हुई थी कि अब डेल्मिक्रॉन का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका और यूरोप में कोरोना के तेजी से बढ़े मामलों के पीछे इसी डेल्मिक्रॉन को जिम्मेदार बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार डेल्मिक्रॉन दरअसल डेल्टा और ओमिक्रॉन का मिश्रण है। साथ ही इसमें और तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता है।
डेल्टा और ओमिक्रॉन का मिश्रण है डेल्मिक्रॉन
कोविड-19 पर महाराष्ट्र के टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी के अनुसार यूरोप और अमेरिका में डेल्टा और ओमिक्रॉन के जुड़वां स्पाइक्स डेल्मिक्रॉन के कारण मामलों में ऐसी तेजी है, जो महामारी की छोटे सुनामी की तरह है। उन्होंने कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि भारत में ओमीक्रॉन कैसे प्रतिक्रिया करेगा। यह अहम इसलिए है कि देश में डेल्टा वैरिएंट बेहद घातक साबित हुआ था। भारत में डेल्टा सबसे आम है, लेकिन दुनिया के अन्य क्षेत्रों में ओमिक्रॉन तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा है।
ओमिक्रॉन SARS-CoV-2 का अत्यधिक परिवर्तित B.1.1.1.529 स्वरूप है, जिसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था। यह तेजी से फैलता है और वर्तमान में डेल्टा की तुलना में हल्के लक्षण दिखा रहा है। मृत्यु दर डेल्टा संस्करण से कम है, जबकि डेल्मिक्रॉन डेल्टा और ओमिक्रॉन के संयोजन का नतीजा है, जो मूल रूप से वैरिएंट्स की जुड़वां स्पाइक है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा – बूस्टर डोज की बजाय दुनिया के हर कोने में वैक्सीन की पहुंच हो
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ. ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि समृद्ध देशों में अतिरिक्त कोविड वैक्सीन खुराक को रोल आउट करने की हड़बड़ी महामारी को लंबे समय तक खींच सकती है। इससे वैक्सीन की तमाम लोगों तक पहुंच में भी असमानता पैदा हो रही है।
घेब्रेयेसस ने जोर देकर कहा कि पहले से ही टीका ले चुके लोगों के लिए अतिरिक्त (बूस्टर) खुराक की बजाय दुनिया के हर कोने में टीका पहुंचाने पर जोर होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ओमिक्रॉन के मामले अब तक 106 देशों में सामने आ चुके हैं।