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नीतीश के बाद अखिलेश भी केजरीवाल के समर्थन में उतरे, केंद्र के अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया

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नई दिल्ली, 21 मई। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर जारी विवाद के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ मिला और अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी उनके समर्थन में उतर आए हैं।

अखिलेश यादव ने केंद्र के अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है।’

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था। इसे केजरीवाल सरकार ने अपनी जीत के रूप में लिया था। बाद में सर्वोच्च न्यायलय के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार 19 मई की रात को एक अध्यादेश लेकर आई।

दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘दानिक्स’ काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया। अध्यादेश तीन सदस्यों वाले राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के गठन की बात करता है, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और मुख्य सचिव एवं प्रमुख गृह सचिव इसके सदस्यों के रूप में काम करेंगे। फिलहाल केंद्र के इस अध्यादेश पर केजरीवाल सरकार हमलावर है।

नीतीश बोले – केंद्र सरकार के कृत्य के खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा

अखिलेश से पहले दिन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केजरीवाल को समर्थन दिया। यहां केजरीवाल से मुलाकात के बाद नीतीश कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही रहा, लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है, वह विचित्र है। सभी को एकजुट होना होगा। हम इनके (केजरीवाल) साथ हैं, ज़्यादा से ज़्यादा विपक्षी पार्टी एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा। हम पूरे तौर पर केजरीवाल जी के साथ हैं।’

नीतीश ने आगे कहा, ‘जो परेशानी अरविंद केजरीवाल झेल रहे हैं, हम उसके ख़िलाफ केजरीवाल जी को समर्थन देने आए हैं। अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार होती तो उप राज्यपाल में हिम्मत होती इस प्रकार का काम करने की? दिल्ली में भाजपा कभी वापसी नहीं करेगी।’