लखनऊ, 27 जून। आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के साथ ही दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने लोकसभा में भोजपुरी कलाकारों की तिकड़ी पूरी कर दी है। इससे पहले बिहार से ताल्लुक रखने वाले मनोज तिवारी 2014 में नई दिल्ली की उत्तर पूर्वी सीट से सांसद चुने गए थे जबकि 2019 में गोरखपुर से जीतकर रवि किशन शुक्ल उर्फ रवि किशन संसद पहुंचे थे।
निरहुआ ने चुकता किया पिछली पराजय का हिसाब
दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 2019 में भी आजमगढ़ से अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन तब उन्हें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुकाबले बड़ी शिकस्त खानी पड़ी थी। हालांकि अबकी उपचुनाव में निरहुआ ने अखिलेश के चचेरे भाई सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हराया और आम चुनाव में मिली अखिलेश के हाथों मिली हार का हिसाब भी चुकता कर दिया।
मनोज व रवि किशन को भी दूसरे प्रयास में मिली थी सफलता
वैसे देखा जाए तो निरहुआ के पहले मनोज तिवारी व रवि किशन भी दूसरे ही प्रयास में लोकसभा पहुंच सके थे। मनोज भाजपा से पहले सपा के टिकट पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से चुनाव लड़ कर हार चुके थे जबकि रवि किशन ने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़ा था। तब उन्हें भाजपा के कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ केपी से हार का सामना करना पड़ा था।