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बिहार : कानून मंत्री कार्तिक कुमार के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी आरोपों में घिरे, सीएम नीतीश कुमार पर बढ़ा दबाव!

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पटना, 18 अगस्त। बिहार में नवगठित महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कैबिनेट विस्तार के बाद कई नए मंत्रियों पर गंभीर आरोप के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। इस क्रम में कानून मंत्री कार्तिक कुमार के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह  भी आरोपों में घिर गए हैं।

दरअसल, नई सरकार के बीच विभागों के बंटवारे के बाद जैसे ही सुधाकर सिंह के साथ कृषि मंत्री का तमगा जुड़ा, उनसे जुड़े विवादों का पुलिंदा भी खुल गया। आरोप लग रहे हैं कि चावल घोटाले के आरोपित को ही कृषि मंत्री का ओहदा दे दिया गया है।

बिहार के नए कृषि मंत्री चावल घोटाले के आरोपित

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह पर आरोप है कि यह भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनपर एसएफसी (एसएफसी) के करोड़ों रुपये के चावल गबन का आरोप है। इस घोटाले को लोकर वर्ष 2013 में रामगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।

चावल गबन में सुधाकर सिंह से लगभग 59 लाख रुपये की रिकवरी शेष  

आरोप है कि सुधाकर सिंह ने भी 69 लाख रुपये का चावल एसएफसी में जमा नहीं करवाया था, जिसमें 10 लाख 50 हजार की रिकवरी विभाग की तरफ से कर ली गई, लेकिन बाकी बचे रुपयों के लिए कानूनी काररवाई की जा रही है। चावल गबन के मामले में सुधाकर सिंह के अलावा 68 और आरोपित हैं, जिन्हें बकाया पैसे जमा करने हैं। इनमें सुधाकर सिंह सहित कई आरोपितों ने अब तक बकाया पैसा नहीं लौटाया है।

राजद के कोटे से सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया है। उन्हें कृषि मंत्री बनाया जाना इसलिए भी अजीब है क्योंकि उनपर चावल घोटाले में केस करने वाली नीतीश कुमार  की ही सरकार थी। ऐसे में सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री बनने के बाद नीतीश सरकार पर सवाल किए जा रहे हैं।

कानून मंत्री कार्तिक कुमार पर किडनैपिंग का आरोप, कोर्ट से वारंट जारी

उधर कानून मंत्री की शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर ही कार्तिक कुमार के खिलाफ किडनैपिंग के एक मामले में कोर्ट की तरफ से वारंट जारी किया गया है। राजद कोटे से मंत्री बने कार्तिक कुमार के खिलाफ यह वारंट वर्ष 2014 में दानापुर इलाके के एक बिल्डर के अपहरण के मामले में जारी हुआ है। वस्तुतः कार्तिक कुमार की इस मामले में जिस दिन कोर्ट में पेशी थी, उसी दिन उन्होंने कानून मंत्री की शपथ ली। पेशी पर न पहुंचने के कारण उनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया।

सीएम नीतीश कुमार कन्नी काटकर निकल गए

दिलचस्प तो यह रहा कि जब सीएम नीतीश कुमार से पूछा गया कि कानून मंत्री कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट जारी हुआ है तो उन्होंने कहा, ‘हमें इसके बारे में जानकारी नहीं है।’ इसके बाद नीतीश कुमार सवालों का जवाब दिए बिना ही निकल गए।

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