नई दिल्ली, 9 जून। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बुधवार को एक बड़े उलटफेर के बीच कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद ने कहा है कि उन्होंने बहुत सोच विचार के बाद यह फैसला किया है।
राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आवास पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करने के बाद मीडिया से संक्षिप्त मुलाकात में जितिन प्रसाद ने कहा, ‘मेरा कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने यह महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है। आज सवाल यह नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं बल्कि सवाल यह है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं।’
आज राष्ट्रीय दल के नाम पर देश में भाजपा ही इकलौती पार्टी
15वीं लोकसभा में लखीमपुर जिले की धौरहरा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जितिन ने कहा – ‘मैंने पिछले आठ-दस वर्षों में यह महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो वह भाजपा भाजपा है। बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए, मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है।’
यूपी में जितिन को मिलेगी अहम भूमिका : पीयूष गोयल
जितिन के भाजपा में शामिल होने पर पीयूष गोयल ने कहा कि यूपी की राजनीति में जितिन प्रसाद की भूमिका अहम होने वाली है।
ज्योतिरादित्य ने किया स्वागत, बोले – वह मेरे छोटे भाई जैसे
इस बीच एक वर्ष पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन प्रसाद के फैसले का स्वागत किया है। दिल्ली से भोपाल पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘वह मेरे छोटे भाई जैसे हैं और मैं उनका भाजपा में स्वागत करता हूं। मैं उन्हें बधाई देता हूं।’
गौरतलब है कि कांग्रेस में रहते हुए राहुल ब्रिगेड में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और जितिन प्रसाद की खूब चर्चा होती थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़ दिया है। वहीं, सचिन पायलट भी नाराज चल रहे हैं। इसकी बानगी कुछ माह पहले दिख चुकी है, जब दिल्ली में पार्टी हाईकमान के आवास पर हुई पंचायत के बाद मामला निबटा था।
सिंधिया राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले और दिवंगत कांग्रेस नेता माधव राव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य ने मार्च 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दिया था, जिसके चलते एमपी में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।
भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेज दिया। चर्चा यह भी चल रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं।