नई दिल्ली, 5 जून। पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन वापस लेने की खबरों का खंडन करने के बाद पहलवानों ने नया हमला बोला है। नए ट्वीट में पहलवानों ने अपनी नौकरी के पीछे पड़ने का आरोप लगाया है। साथ ही लिखा है कि जिंदगी दांव पर लगी हुई है, नौकरी क्या चीज है।
गौरतलब है कि सोमवार शाम को पहलवानों के नौकरी ज्वॉइन करने की खबरें आई थीं। इसके साथ ही पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने की बात भी कही गई थी। हालांकि थोड़ी ही देर के बाद साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने ट्वीट करके इस खबर को पूरी तरह से गलत बताया था।
‘मेडलों को 15-15 रुपये के बताने वाले अब नौकरी के पीछे पड़े’
बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘हमारे मेडलों को 15-15 रुपये के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए। आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं।’
हमें कमजोर करने की कोशिश
बजरंग ने आगे लिखा, ‘ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।’
वहीं विनेश फोगाट ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुजर रही हैं, इसका अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को? कमजोर मीडिया की टांगें हैं, जो किसी गुंडे के हंटर के आगे कांपने लगती हैं, महिला पहलवान नहीं।’
उल्लेखनीय है कि सोमवार को दिन में कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विरोध कर रहे कुछ पहलवानों ने रेलवे में अपनी नौकरी से जुड़ने के साथ प्रदर्शन खत्म कर दिया। हालांकि पहलवानों ने इन दावों को खारिज किया।
यह है मामला
एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे। लेकिन 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। उन्हें शाम को छोड़ दिया गया, लेकिन जंतर-मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का एलान किया गया।