सीवान, 16 दिसम्बर। बिहार के छपरा व सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या जहां 60 के पार जा पहुंची है वहीं अब सीवान के भगवानपुर थाना अंतर्गत विभिन्न गांवों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मृत्यु हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आक्रोशित भीड़ शव के साथ छपरा-मलमलिया मार्ग को जाम कर विरोध प्रदर्शन कर रही है। वहीं प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है।
गौरतलब है कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है वहीं सारण जिले में 11 और लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है। मरहौरा उप-विभागीय पुलिस अधिकारी योगेंद्र कुमार की सिफारिश पर मसरख स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) रितेश मिश्र और कांस्टेबल विकेश तिवारी को मंगलवार की रात त्रासदी के तुरंत बाद निलंबित कर दिया गया था।
अधिकतर मौतें बुधवार और गुरुवार को हुई हैं, जिससे राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर हंगामे की स्थिति पैदा हो गई है। विडंबना है कि बिहार में अप्रैल 2016 से नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सीएम नीतीश बोले – शराब पीकर मरने वालों को सहायता राशि का सवाल ही नहीं
इस बीच नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में कहा कि शराब से हुई मौतों पर वे मुआवजा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ये सवाल ही नहीं पैदा होता कि कोई शराब पीकर मरेगा तो उसे सहायता राशि देंगे। जो पिएगा, वो मरेगा।
सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में सुनवाई से इनकार
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई, जिसमें बिहार जहरीली शराब त्रासदी की स्वतंत्र एसआईटी जांच की मांग की गई। इस याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए शुक्रवार मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया। हालांकि, पीठ ने मामले को सूचीबद्ध नहीं किए जाने के कारण सुनवाई से इनकार कर दिया।