काबुल। काबुल एयरपोर्ट के बाहार हुए बम धमाके के बाद अब स्थितियां सामान्य करने की कोशिशें की जा रही हैं। जिसके लिए बम धमाकों के एक दिन बाद ही अफगानिस्तान से निकासी उड़ानें फिर से शुरू कर दी गई हैं। यहां रेस्क्यू का काम तेजी से किया जा रहा है। अफगानिस्तान के काबुल में एयरपोर्ट के बाहर एक के बाद एक तीन सीरियल धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जिसमें 90 अफगान नागरिक हैं। वहीं 150 से ज्यादा लोग इसमें घायल हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक एयरपोर्ट के बाहर धमाकों में अमेरिका के 13 सैनिकों की भी मौत हुई है।
आईएस से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह तालिबान से कहीं अधिक कट्टरपंथी है। वहीं काबुल हमले को लेकर व्हाइट हाउस से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम आपका शिकार करेंगे और आपको इसकी कीमत चुकानी होगी।
अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल किए जा रहे हैं। करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।
- बम धमाके पर भड़का तालिबान
काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए दो आत्मघाती हमलों को लेकर तालिबान भड़का हुआ है। तालिबान ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह धमाका उस इलाके में हुआ जो अमेरिकी सेनाओं के नियंत्रण में है। तालिबान ने पूरे इलाके की सुरक्षा को बढ़ाने का भी ऐलान कर दिया है। इस हमले में अबतक 13 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 52 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। हमले में अमेरिकी सेना के चार मरीन सैनिकों के मौत की भी पुष्टि हुई है।