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अफगानिस्तान भूकंप से भारी तबाही: भारत ने भेजी राहत सामग्री, मृतकों की संख्या बढ़कर 800 पार पहुंची

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काबुल, 2 सितंबर। अफगानिस्तान के कुनार और नांगरहार सूबे में रविवार रात आये विनाशकारी भूकंप में 800 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है और 2800 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं।अफगानिस्तान की पझवोक संवाद समिति ने यह जानकारी दी।समिति के अनुसार अफगानिस्तान सरकार के मुख्य प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कुनार प्रांत के नर्गल ज़िले (मज़ार दारा), चौके, वातपुर, मनोगी, चापा दारा और आसपास के इलाकों में 800 लोग मारे गए हैं और 2,500 घायल हुये हैं जबकि नंगरहार के दारा-ए-नूर ज़िले में 12 लोग मारे गए और 255 घायल हुए।

इसके अलावा लघमन के अलींगर ज़िले में 58 लोग घायल हुए हैं और नूरिस्तान के नूरग्राम ज़िले में चार लोग घायल हुए हैं। पंजशीर के अबशार ज़िले में पाँच घर नष्ट हो गए, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। मुजाहिद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ग्रामीण पुनर्वास एवं विकास मंत्री मुल्ला मोहम्मद यूनुस अखुंदज़ादा के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष समिति का गठन किया है।

अफगान सरकार ने रविवार रात से, आंतरिक, रक्षा और जन स्वास्थ्य मंत्रालयों ने सूबों के गवर्नरों, आपदा प्रतिक्रिया विभागों, रेड क्रीसेंट और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर मृतकों को निकालने, घायलों को बचाने और आवश्यक भोजन, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने के उपाय किए हैं। इस काम के लिए नंगरहार हवाई अड्डे से 40 उड़ानें संचालित की गई हैं।

मुजाहिद ने इस भूकंप से हुए घरों के विनाश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “कुनार प्रांत में, कई घर नष्ट हो गए हैं। मज़ार दारा गांव पूरा का पूरा नष्ट हो गया है। घरों के बारे में सटीक आंकड़े अभी तक नहीं आए हैं। जल्द ही पूरा विवरण भी रखा जाएगा। ” उन्होंने सभी धर्मार्थ संगठनों, व्यापारियों और आम अफ़गानों से भूकंप प्रभावित समुदायों की सहायता करने का आग्रह किया।

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार रविवार को स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे अफगानिस्तान के पूर्वी भाग में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केंद्र नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में जमीन से आठ किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भारत ने इस भारी तबाही के बाद मदद का हाथ बढाते हुए तत्काल सहायता के तौर पर वहां एक हजार तंबू तथा 15 टन खाद्य सामग्री भेजी है।

विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्तक़ी से बात कर भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन समय में भारत अफगानिस्तान के साथ है। उन्होंने कहा कि भारत ने काबुल में एक हजार तंबू पहुँचाए हैं। काबुल स्थित भारतीय मिशन द्वारा कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी तुरंत पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से कल और राहत सामग्री भेजी जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि उसके कर्मचारी प्रभावित प्रांतों में स्थानीय सहायता कर्मियों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक्स पर लिखा “हमारी टीमें वहां मौजूद हैं और आपातकालीन सहायता और जीवन रक्षक सहायता पहुंचा रही हैं। हमारी संवेदनाएं प्रभावित समुदायों के साथ हैं।”इस भूकंप से हुयी तबाही के बारे में अधिकारियों ने कहा है कि जैसे-जैसे बचावकर्मी दूरदराज के गांवों में जाकर राहत एवं बचाव अभियान चलायेंगे तभी असली स्थिति का पता चलेगा कि इससे जानमाल का कितना नुकसान हुआ है।

कुनार और नांगरहार का इलाका ऊबड़-खाबड़ और दुर्गम है। सीमित सड़क नेटवर्क और विषम भौगाेलिक स्थिति के कारण राहत कार्य धीमे हैं।इस क्षेत्र में अधिकांश घर मिट्टी, पत्थर और कीचड़ से बने हैं जो भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। विदित हो कि अक्टूबर 2024 में, रिक्टर पैमाने पर 6.2 तीव्रता वाले भूकंप ने भी हेरात में भारी जनहानि और व्यापक विनाश किया था। उस समय दो हजार से ज़्यादा लोग हताहत हुए थे।

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