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एडीआर का दावा : दोबारा चुनावी मैदान में उतरे 324 सांसदों की संपत्ति में पिछले 5 वर्ष में औसतन 43 प्रतिशत की वृद्धि

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नई दिल्ली, 29 मई। लोकसभा चुनाव में दोबारा जोर आजमा रहे 324 सांसदों की संपत्ति में पिछले पांच वर्ष में औसतन 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बात एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने पिछले पांच साल के अपने विश्लेषण के आधार पर एक रिपोर्ट में कही है।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में इन सांसदों की औसत संपत्ति लगभग 21.55 करोड़ रुपये थी जबकि मौजूदा चुनावी चक्र में औसत संपत्ति मूल्य महत्वपूर्ण रूप से बढ़कर 30.88 करोड़ रुपये हो गई है, जो पिछले पांच वर्षों में 9.33 करोड़ रुपये की वृद्धि को दर्शाता है। इसमें 2024 के आम चुनाव में फिर से चुनाव लड़ रहे संसद सदस्यों की संपत्ति में वृद्धि का विश्लेषण किया गया।

183 भाजपा सांसदों की औसत संपत्ति में औसत 39.18 फीसदी की वृद्धि

एडीआर ने कहा कि 2019 और 2024 के चुनावों के बीच इन 324 सांसदों की संपत्ति में औसतन 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दोबारा चुनाव लड़ रहे 183 सांसदों की औसत संपत्ति में 39.18 प्रतिशत (18.40 करोड़ रुपये से 25.61 करोड़ रुपये) की वृद्धि देखी गई।

कांग्रेस के 36 सांसदों की संपत्ति में 48.76 प्रतिशत बढ़ोतरी

वहीं, कांग्रेस के दोबारा चुनाव लड़ रहे 36 सांसदों की संपत्ति में 48.76 प्रतिशत (44.13 करोड़ रुपये से 65.64 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है। दोबारा चुनाव लड़ रहे द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के 10 सांसदों की संपत्ति में 19.96 प्रतिशत (30.93 करोड़ रुपये से 37.10 करोड़ रुपये), शिवसेना के आठ सांसदों की संपत्ति में 48.13 प्रतिशत (19.77 करोड़ रुपये से 29.28 करोड़ रुपये), समाजवादी पार्टी (सपा) के पांच सांसदों की संपत्ति में 20.53 प्रतिशत (20.56 करोड़ रुपये से 24.78 करोड़ रुपये) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के आठ सांसदों की संपत्ति में 84.13 प्रतिशत (28.66 करोड़ रुपये से 52.78 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है।

टीएमसी के 16 सांसदों की संपत्ति में औसत वृद्धि 53.84 फीसदी

रिपोर्ट के अनुसार दोबारा चुनाव लड़ रहे तृणमूल कांग्रेस के 16 सांसदों की संपत्ति में औसत वृद्धि 53.84 प्रतिशत (15.69 करोड़ रुपये से 24.15 करोड़ रुपये), जनता दल (यूनाइटेड) के 11 सांसदों की संपत्ति में 35.54 प्रतिशत (4.55 करोड़ रुपये से 6.17 करोड़ रुपये), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक सांसद की संपत्ति में 14.34 प्रतिशत (12 करोड़ रुपये से 14 करोड़ रुपये), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के तीन सांसदों की संपत्ति में 52.94 प्रतिशत (38 करोड़ रुपये से 59 करोड़ रुपये) और राकांपा (शरद चंद्र पवार) के तीन सांसदों की संपत्ति में 21.05 प्रतिशत (48 करोड़ रुपये से 58 करोड़ रुपये) तथा जनता दल (सेक्युलर) के एक सांसद की संपत्ति में 317 प्रतिशत (9 करोड़ रुपये से 40 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है।

एडीआर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दोबारा चुनाव लड़ रहे सांसदों की संपत्ति में 25.37 प्रतिशत (8.46 करोड़ रुपये से 10.61 करोड़ रुपये), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के लिए 68.4 प्रतिशत (7.01 करोड़ रुपये से 11.80 करोड़ रुपये), बीजू जनता दल के लिए 184.02 प्रतिशत (2.41 करोड़ रुपये से 6.85 करोड़ रुपये), तेलुगु देशम पार्टी के मामले में 143.2 प्रतिशत (18.90 करोड़ रुपये से 45.97 करोड़ रुपये), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के लिए 104.9 प्रतिशत (13.07 करोड़ रुपये से 26.78 करोड़ रुपये) और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के लिए संपत्ति में 3000.51 प्रतिशत (4.78 लाख रुपये से 1.48 करोड़ रुपये) की औसत वृद्धि हुई है।

वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के दोबारा चुनाव लड़ रहे सांसदों की संपत्ति में 35.12 प्रतिशत (10.43 करोड़ रुपये से 14.09 करोड़ रुपये) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के मामले में 97.61 प्रतिशत (85.40 लाख रुपये से 1.68 करोड़) की औसत वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि कि विदुथलाई चिरुथिगल काची के मामले में यह वृद्धि 117.36 प्रतिशत रही और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के दोबारा चुनाव लड़ रहे सांसदों की संपत्ति में तीन प्रतिशत की मामूली कमी देखी गई।

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