नई दिल्ली, 3 सितम्बर। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश में एक साथ चुनाव कराए जाने की संभावना तलाशने के लिए केंद्र द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति का हिस्सा बनने से शनिवार को इनकार कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में चौधरी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
अमित शाह को लिखे पत्र में इस प्रस्ताव को पूरी तरह धोखा करार दिया
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ‘‘मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तें उसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं। मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है। इसके अलावा, आम चुनाव से कुछ महीने पहले संवैधानिक रूप से संदिग्ध, अव्यवहार्य और तार्किक रूप से लागू नहीं करने योग्य विचार को राष्ट्र पर थोपने का अचानक प्रयास सरकार के गुप्त उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है।”
मल्लिकार्जुन खड़गे को समिति से बाहर किए जाने पर भी खेद जताया
कांग्रेस नेता ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को समिति से बाहर किए जाने पर भी खेद जताया। संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘यह संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का जान बूझकर किया गया अपमान है। इन परिस्थितियों में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
इससे पहले, सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए शनिवार को आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति की अधिसूचना जारी की है।