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वक्फ बिल पर बैठक में झड़प के बाद TMC सांसद कल्याण बनर्जी पर एक्शन, JPC की अगली बैठक से सस्पेंड

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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी पर वक्फ बिल में संशोधन के मद्देनजर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मंगलवार को हुई बैठक में झड़प के बाद काररवाई हो गई और जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने उन्हें अगली बैठक के लिए सस्पेंड कर दिया है। यानी जेपीसी की अगली बैठक जब भी होगी, उसमें कल्याण बनर्जी शामिल नहीं हो पाएंगे।

दरअसल, JPC की बैठक में कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में कल्याण बनर्जी चोटिल हो गए। दरअसल, झड़प के दौरान कल्याण बनर्जी ने पानी की कांच की बोतल फोड़ दी, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई। बाद में उनके हाथ में चार टांके लगाने पड़े।

झड़प के बाद जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल के नेतृत्व में रूल 374 के तहत वोटिंग हुई। इसमें कल्याण बनर्जी को सस्पेंड करने को लेकर पक्ष में नौ और विपक्ष में सात वोट पड़े। सत्ता पक्ष के सदस्य बनर्जी को जेपीसी से ही सस्पेंड करने के पक्ष में थे। लेकिन बातचीत के बाद एक दिन के लिए सस्पेंड करने का फैसला हुआ।

रिटायर्ड जज वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मौजूदगी से नाराज हुए TMC सांसद

सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कई रिटायर्ड जज, वरिष्ठ अधिवक्ता और बुद्धिजीवी मौजूद थे। इस बीच अचानक से कल्याण बनर्जी उठकर बोलने लगे। वह इससे पहले भी बैठक में कई बार बोल चुके थे। लेकिन इस बार जब वह बीच में बोलने लगे तो अभिजीत गंगोपाध्याय ने आपत्ति जताई।

सूत्रों के मुताबिक जब अभिजीत गंगोपाध्याय ने आपत्ति जताई तो कल्याण बनर्जी ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस बीच दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया और गुस्से में कल्याण बनर्जी ने कांच की बोतल उठाकर मेज पर पटक दी, जिससे वह चोटिल हो गए।

वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहती है मोदी सरकार

वस्तुतः वक्फ संशोधन विधेयक पर इस समय देश की सियासत गरम है। मोदी सरकार ने गत आठ अगस्त को लोकसभा में दो विधेयक वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (खात्मा) विधेयक 2024 पेश किए थे। सरकार के अनुसार इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज के तौर तरीकों में सुधार लाना और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसके उसके इसे आगे की जांच के लिए संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है।

मोदी कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दी थी। दरअसल, केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। इन संशोधनों का उद्देश्य किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने के वक्फ बोर्ड के अधिकार को प्रतिबंधित करना है। वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा।

केंद्र सरकार का मानना है कि संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट और ट्रांसफर में बड़ा बदलाव आएगा। विधेयक में कानून में संशोधन की वजहों का भी जिक्र किया गया है। साथ ही इसमें जस्टिस सच्चर आयोग और के रहमान खान की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त कमेटी की सिफारिशों का हवाला दिया गया है।

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