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आकाश आनंद पर एक्‍शन: भिड़े सपा-बसपा, अखिलेश ने ली चुटकी तो मायावती ने कुछ यूं किया पलटवार

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लखनऊ, 9 मई। बसपा सुप्रीम मायावती द्वारा अपने भतीजे आकाश आनंज को पद से हटाने पर सपा अध्यक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे तो यह उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है, लेकिन इसके पीछे असली कारण यह है कि इस चुनाव में बसपा को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है। अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी एवं चिंता न करे तो बेहतर।

बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार की रात अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और अपने उत्तराधिकारी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। इस पर चुटकी लेते हुए अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर लिखा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है वह उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है। अखिलेश के इस बयान पर पलटवार करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ‘एक्स’ पर लिखा कि बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी और चिंता नहीं करे तो बेहतर। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है इसकी केवल चिन्ता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है।

उन्होंने कहा कि सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। मायावती ने कहा कि साथ ही, बसपा सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं एवं महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर उप्र में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं।

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