प्रयागराज, 19 अप्रैल। पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की हत्या के दौरान सुरक्षा घेरे में लगे पुलिसकर्मियों की घोर लापरवाही सामने आई है। इस क्रम में एसीपी धूमनगंज नरसिंह नारायण सिंह हटा दिए गए हैं। उन्हें पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है। वहीं, शाहगंज थाना प्रभारी अश्वनी सिंह, चौकी प्रभारी नीवां प्रीत पांडेय, धूमनगंज थाने के दरोगा शिव प्रसाद मौर्या, सिपाही जयमेश कुमार और सिपाही संजय प्रजापति को निलंबित कर दिया गया है। हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर यह काररवाई की गई है।
पुलिस के अनुसार गत 15 अप्रैल की रात अतीक अहमद और अशरफ को धूमनगंज पुलिस कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने ले गई थी। दोनों की सुरक्षा में धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या समेत 19 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी। शाहगंज थाना प्रभारी की जिम्मेदारी थी कि अस्पताल में वह सुरक्षा घेरा बनाएं। अन्य 19 पुलिसकर्मियों की अलग-अलग ड्यूटी लगाई गई थी।
धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश मौर्या को हमराहियों के साथ दोनों को अस्पताल के अंदर ले जाना था। उस वक्त नीवां चौकी इंचार्ज प्रीत पांडेय समेत अन्य की अस्पताल गेट पर ड्यूटी लगी थी। इस बीच पुलिस हिरासत में तीन शूटरों ने अतीक और अशरफ की हत्या कर दी।
सीसीटीवी फुटेज देखने से पता चला कि शाहगंज एसओ, नीवां चौकी प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने घोर लापरवाही बरती। इन्होंने हमलावरों के खिलाफ कोई काररवाई नहीं की। फायरिंग होने पर इन्हें मोर्चा संभालना था, लेकिन इनकी शिथिलता देखकर पुलिस अफसरों ने इन्हें निलंबित कर दिया। शाहगंज थाना, काल्विन अस्पताल से चंद कदम की दूरी पर स्थित है।
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने इस घटना की जांच के लिए अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश चंद्र के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। दो अन्य सदस्यों में एसीपी कोतवाली सतेंद्र प्रसाद तिवारी और निरीक्षक (विवेचना सेल, अपराध) ओम प्रकाश शामिल हैं।
वहीं चर्चा है कि एसीपी धूमनगंज नरसिंह नारायण पर्यवेक्षण अधिकारी थे। लेकिन वह अस्पताल नहीं गए और न ही उन्होंने इस मामले में सक्रियता दिखाई थी। इसी कारण उनका भी तबादला कर दिया गया। इस बीच एसआईटी ने घटना से जुड़े 40 फुटेज भी जुटा लिए हैं।