नई दिल्ली, 29 मई। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला और इसे पीएम मोदी को आधारहीन रूप से कोसने का उनका एजेंडा बताया।
पीएम मोदी को बेवजह कोसना राहुल का एक सूत्रीय एजेंडा
अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाजियों के चलते इसी वर्ष 10 फरवरी को कांग्रेस से छह वर्षों के लिए निष्कासित किए जा चुके 59 वर्षीय प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा, ‘पीएम मोदी को बेवजह कोसना राहुल गांधी का एक सूत्रीय एजेंडा है। वह सुबह उठते ही पीएम की आलोचना शुरू कर देते हैं।’
विदेशी संस्कृति में पले-बढ़े हैं राहुल, भारत के बारे में कुछ नहीं जानते
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि राहुल भारत की संस्कृति और परंपराओं के बारे में कुछ भी नहीं जानते। वह विदेशी संस्कृति में पले-बढ़े हैं। राहुल को पहले भारत के बारे में जानना चाहिए और फिर पीएम मोदी पर बोलना चाहिए।’
पीएम मोदी की ‘भगवान द्वारा भेजे गए‘ टिप्पणी का राहुल ने उड़ाया था मजाक
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक दिन पहले मंगलवार को देवरिया और वाराणसी की चुनावी रैलियों में पीएम मोदी की ‘भगवान द्वारा भेजे गए’ टिप्पणी पर उनका मजाक उड़ाते हुए कहा था कि पीएम मोदी को परमात्मा ने उद्योगपतियों, गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की मदद करने के लिए भेजा है न कि गरीबों की मदद करने के लिए। राहुल का यह बयान तब आया है, जब पीएम मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें ‘परमात्मा ने भेजा है’।
राहुल गांधी ने चुनावी रैलियों कहा कि पीएम मोदी को जिस भगवान पर भरोसा है, उन्होंने उन्हें किसानों और मजदूरों की सेवा करने के लिए नहीं भेजा है। उन्होंने कहा, “हम सभी बाकी लोग जैविक हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी जैविक नहीं हैं। मोदीजी ऊपर से टपक आए हैं। उनको परमात्मा ने हिन्दुस्तान में भेजा है। उन्हें उनके ‘परमात्मा’ ने अंबानी और अडानी की मदद के लिए भेजा है, लेकिन उन्हें ‘परमात्मा’ ने नहीं भेजा है। अगर ‘परमात्मा’ ने उन्हें भेजा होता तो वे उन्हें गरीबों और किसानों की मदद करने के लिए कहते। ये कैसे ‘परमात्मा’ हैं?’ यह पीएम मोदी का भगवान है।”
कांग्रेस नेता ने ‘अग्निपथ‘ योजना को तोड़कर कूड़ेदान में फेंकने की बात भी कही
कांग्रेस नेता ने रैली में यह भी वादा किया कि चार जून को वह विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की सरकार बनने के बाद ‘अग्निपथ’ योजना को तोड़कर कूड़ेदान में फेंक देंगे। ज्ञातव्य है कि लोकसभा चुनाव के सातवें व आखिरी चरण में एक जून को उत्तर प्रदेश की 13 सीटों सहित कुल 57 सीटों पर मतदान होना है। परिणाम चार जून को घोषित किए जाएंगे।