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सर्वे : 25 वर्ष से कम उम्र के 40 फीसदी से अधिक भारतीय स्नातक बेरोजगार, डिग्री के बावजूद नहीं मिल पाती नौकरी

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नई दिल्ली, 25 सितम्बर। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार 25 वर्ष से कम उम्र के 42 फीसदी भारतीय स्नातकों को काम नहीं मिल पा रहा है। इसी क्रम में सभी शैक्षणिक योग्यताओं के लिए भारत में बेरोजगारी दर में कोविड के बाद कमी आई है। हालांकि, स्नातकों के बीच यह 15 प्रतिशत से ऊपर बना हुआ है।

उच्च शिक्षित समूह के भीतर भी बेरोजगारी की दर में बड़ा अंतर

स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023 नामक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उच्च शिक्षित समूह के भीतर भी बेरोजगारी की दर में बड़ा अंतर है। 25 वर्ष से कम उम्र के शिक्षित युवाओं के लिए बेरोजगारी दर 40 प्रतिशत से घटकर 35 और उससे अधिक उम्र के स्नातकों के लिए पांच प्रतिशत से भी कम हो गई है।

विकास दर और रोजगार दर के बीच समन्वय का अभाव

रिपोर्ट में आगे पाया गया कि समय के साथ देश की विकास दर और रोजगार दर के बीच संबंध कमजोर हुआ है। जीडीपी को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई नीतियां जरूरी नहीं कि अधिक नौकरियां पैदा करने में सहायक हों। रिपोर्ट में दावा किया गया है, ‘लंबे समय से भारत में जीडीपी वृद्धि और रोजगार वृद्धि असंबद्ध रही है, जिससे पता चलता है कि तेज जीडीपी वृद्धि हासिल करने की दिशा में उन्मुख नीतियों से रोजगार सृजन में तेजी नहीं आएगी।’

सर्वेक्षण के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि अंततः स्नातकों को नौकरियां मिल जाती हैं, लेकिन उन्हें मिलने वाली नौकरियों की प्रकृति और क्या ये उनके कौशल और आकांक्षाओं से मेल खाते हैं, इसके बारे में मुख्य प्रश्न बने हुए हैं, जिसके लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।

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