अबू धाबी, 27 फरवरी। अबू धाबी में निर्मित पहला हिन्दू मंदिर एक मार्च से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन किया था। मंदिर के प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया, ‘मंदिर एक मार्च से पूर्वाह्न नौ बजे से रात आठ बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा। प्रत्येक सोमवार को मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।’
वैसे तो संयुक्त अरब अमीरात में तीन और हिन्दू मंदिर हैं, जो दुबई में हैं। लेकिन अद्भुत वास्तुशिल्प और नक्काशी के साथ एक बड़े इलाके में फैला बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर है।
BAPS द्वारा निर्मित मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास 27 एकड़ क्षेत्र में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अबू धाबी के इस पहले हिन्दू मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर में स्वंयसेवक उमेश राजा के अनुसार, 20 हजार टन से अधिक चूना पत्थर के टुकड़ों को राजस्थान में तराशा गया और 700 कंटेनर में अबू धाबी लाया गया।
बीएपीएस के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास के अनुसार यहां वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है। तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए कंक्रीट मिश्रण में 55 प्रतिशत सीमेंट की जगह राख का उपयोग किया गया है। मंदिर के निर्माण प्रबंधक मधुसूदन पटेल ने कहा था, ‘हमने परंपरागत सौंदर्य वाली पत्थर संरचनाओं और आधुनिक समय के शिल्प को मिलाते हुए तापमान रोधी सूक्ष्म टाइल्स और कांच के भारी पैनलों का इस्तेमाल किया है। यूएई में अत्यधिक तापमान को देखते हुए ये टाइल्स दर्शनार्थियों के पैदल चलने में सुविधाजनक होंगी।’