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‘कभी भी कहीं भी’ डाकघर बचत सेवा : कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़े जा चुके हैं देश के लगभग 96 प्रतिशत डाकघर

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नई दिल्ली, 3 अप्रैल। केंद्र सरकार ने ‘कभी भी कहीं भी’ डाकघर बचत सेवा को लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है और इसके तहत देशभर में लगभग 96 प्रतिशत डाकघरों को कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) के तहत जोड़ा जा चुका है। इससे डाक खातों से बैंक खातों में ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करने की सुविधा उपलब्‍ध हो जाएगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश में कुल 1,58,526 डाकघर हैं और इस एनी टाइम-एनी ह्वेयर योजना को लागू करने के क्रम में 1,52,514 डाकघर कोर बैंकिंग प्रणाली के तहत लाए जा चुके हैं। इससे डाकघर के मौजूदा बचत खाताधारियों को तो मदद मिलेगी ही, नए लोग भी डाकघर बचत खाता आसानी से खोलने के लिए प्रेरित होंगे।

एनईएफटी और आरटीजीएस सुविधा भी जल्द उपलब्‍ध कराई जाएगी

सूत्रों के अनुसार डाकघर खातों से बैंक खातों और बैंक खातों से डाकघर खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) सुविधा भी उपलब्‍ध कराई जाएगी। सरकार इंटरमीडिएट डेटा रेट (आईडीआर) कनेक्‍टिविटी, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) कनेक्‍शन और वी-सैट कनेक्‍टिविटी उपलब्‍ध कराने के उपाय भी कर रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने बजट भाषण में घोषणा की थी

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत एक फरवरी को 2022-23 का बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा था कि 1.5 लाख डाकघरों में से 100 प्रतिशत सीबीएस पर आएंगे, जिससे वित्तीय समावेशन और नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से खातों तक पहुंच संभव हो सकेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित चिह्नित डाकघरों में ग्राहक पहचान मॉड्यूल (सिम) आधारित हैंडहेल्ड और प्वॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरणों का प्रावधान भी सुनिश्चित कर रहा है। ये सुविधाएं ‘कभी भी-कहीं भी’ डाकघर बचत सेवा के सुचारु कार्यान्वयन की अनुमति देने में मदद करेंगी।

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